असली-नकली के फेर में डंप हो रहा दस रुपए का सिक्का

सिक्के बनने बंद होने की अफवाह से रिस्क नहीं लेना चाहते लोग

दिल्ली में पकड़ी गयी नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री ने बढ़ाया खौफ

ALLAHABAD: दो व पांच रुपए की तर्ज पर आरबीआई की ओर से चलन में लाए गए दस रुपए के सिक्कों से लोगों ने दूरियां बना ली है। बैंक द्वारा दस के सिक्के बनाना बंद कर देने की अफवाह व दिल्ली में नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद लोग कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। हालात यह हैं कि नकली के फेर में असली सिक्के भी जहां के तहां डंप होकर मार्केट से लगभग बाहर हो गए हैं। इससे इलाहाबाद भी अछूता नहीं है।

जेब से निकलते ही टशन

हालात यह हैं कि दस रुपए का सिक्का निकालते ही दुकानदार ऐतराज करने लगते हैं। कई बार तो लेने से ही इंकार कर देते हैं। राजू केसरवानी, अशोक मौर्य, दिनेश कुमार, राजू आदि दुकानदार कहते हैं कि कोई लेता ही नहीं, इसलिए हमारे पास पहले से ही दस के सिक्के डंप पड़े हुए हैं। इससे हम लोग भी इसे लेने से डरते हैं।

चलन में बरकरार है सिक्का

अफवाह का इतना असर है कि इस मुद्दे पर आईबीआई ने 20 सितंबर को स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि दस रुपए का सिक्का बनना बंद नहीं हुआ है। यह पूरी तरह से चलन में बरकरार है.आरबीआई नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति चलन में मौजूद करेंसी को लेने से मना करता है तो उस पर देशद्रोह का केस बनता है। सिक्का बंद होने की अफवाह फैलाने या फिर लेने से मना करने वाले पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है।

बैंक नहीं दे पा रहे राहत

नकली नोट या सिक्के को लेकर बैंकों के नियम इतने कठोर हैं कि पब्लिक वहां जाने से कतराती है। नियमानुसार नकली सिक्का या नोट मिलने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने का प्रावधान है। यही कारण है कि जिनके पास बड़ी संख्या में दस के सिक्के डंप हैं वह बैंकों नहीं जा रहे हैं। उधर, बैंकों का कहना है कि हमारे यहां सिक्के लिए जा रहे हैं लेकिन संतुलित संख्या में।

अभी सिक्कों को बदलने का कोई प्रावधान नहीं है। लोग चाहे तो अपने खाते में जमा करा सकते हैं। लेकिन, बहुत ज्यादा सिक्के लेने की स्थिति में बैंक नहीं होते। नकली नोट या सिक्के पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान है। असली-नकली की पहचान के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा।

विनोद कुमार, डिप्टी मैनेजर कैश, एसबीआई मेन ब्रांच

जानिए असली-नकली का फर्क

असली सिक्के में रुपए का सिंबल बना है, जबकि नकली में केवल 10 का अंक लिखा हुआ है।

असली सिक्के में 10 खड़ी लाइन बनी हैं। जबकि नकली में 15 हैं।

असली सिक्के के दूसरी भारत और INDIA अलग अलग लिखा है, जबकि नकली में एक साथ लिखा है।

असली में दस का अंक नीचे की ओर लिखा है जबकि नकली में यह सिक्के बीचों-बीच अंकित है।

दोनों सिक्कों में मेटल में काफी अधिक फर्क नजर आता है।