नई दिल्ली (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने कल रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों के परिसरों में छापे मारी है। सूत्रों की मानें तो छापे दिल्ली और बेंगलुरू में तीन जगहों पर की गई है। स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी के सुखदेव विहार स्थित कार्यालय में सुबह करीब 11 बजे छापे मारी शुरू हुई। ये छापे रक्षा सौदे में कुछ लोगों द्वारा कथित रिश्वत लेने के संबंध में मारे गए हैं। इस संबंध में रॉबर्ट वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान का कहना है कि यह सब वर्तमान मोदी सरकार के इशारे पर किया जा रहा है।

वाड्रा की छवि को धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी
सरकार ने बीते पांच वर्षो मेरे क्लाइंट रॉबर्ट वाड्रा को डराने और उनकी छवि को धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। इसके लिए सरकार ने ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग समेत सभी एजेंसियों का सहारा लिया। चौकाने वाली बात तो यह है कि सरकार या ईडी बार-बार आग्रह करने के बाद भी कार्यालय खोलने के लिए कर्मचारियों का इंतजार नहीं कर रहे थे। दरवाजों और तालों को तोड़ दिया। छापे पूरी तरह से अवैध तरीके मारे गए किसी भी कर्मचारी या फिर वकील को भी अंदर नहीं जाने दिया।

यह छापे मारी अवैध ढंग से और राजनीतिक चाल में की गई
खेतान के मुताबिक वाड्रा ने सभी एजेंसियों के समन के जवाब देते सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। इसके बाद भी यह कदम उठाया गया। खास बात तो यह है कि यह सब मेरे क्लाइंट के खिलाफ बिना कोई एफआईआर दर्ज किए हुआ है। ज्योति खेतान ने कहा कि यह सब राजनीतिक चाल है।  यह राजस्थान और तेलंगाना में हुए चुनाव के दौरान लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाने के लिए सरकार के इशारे पर हुआ है। ये छापे मारी बदले की भावना और और मेरे क्लाइंट राॅबर्ट वाड्रा को बदनाम करने की वजह से की गई है।

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