- सीएम का हाई स्कूल का फर्जी सर्टिफिकेट बनने के बाद चीफ सेक्रेटरी ने मांगी रिपोर्ट

- डायरेक्टर एजुकेशन ने ज्वाइंट डायरेक्टर कानपुर को दिया जांच का आदेश

- डीजीपी ने भी कहा, मामला गंभीर

LUCKNOW: सीएम अखिलेश यादव के नाम की फर्जी हाई स्कूल का सर्टिफिकेट बनाने की खबर आई नेक्स्ट में छपी तो हड़कंप मच गया। सीएम के सेक्रेटरी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक हरकत में आ गये और इस तरह के गैंग के खिलाफ एक्शन लेने की बात होने लगी। चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने इस मामले में कानपुर प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। वहीं मामले की जांच के आदेश दे दिये गये हैं।

मांगी गयी रिपोर्ट

चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए रिपोर्ट मांगी गयी है। रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में ना सिर्फ गैंग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, बल्कि अगर कोई एजुकेशन डिपार्टमेंट या फिर किसी भी सरकारी डिपार्टमेंट का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इंवॉल्व हुआ तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। आलोक रंजन का कहना है कि यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि लोगों के भविष्य से जुड़ा हुआ है।

ज्वाइंट डायरेक्टर करेंगे जांच

सेकण्डरी एजुकेशन की डायरेक्टर शैल कुमारी यादव का कहना है कि नयी-नयी टेक्निक्स आ गयी हैं जिससे इस तरह के फ्रॉड सामने आ रहे हैं। इससे कोई फर्क इसलिए नहीं पड़ता क्योंकि हर डॉक्यूमेंट वेरीफाई कराया जाता है। जहां तक इस तरह के फर्जीवाड़े का सवाल है तो इस बारे में कानपुर के ज्वाइंट डायरेक्टर से जांच करायी जाएगी।

कम्प्यूटर और स्कैनर का है कमाल

वहीं एजुकेशन डिपार्टमेंट के दूसरे बड़े अधिकारी इस पूरे मामले में बोलने से बचते नजर आये। जबकि कुछ अधिकारियों ने ऑफ द रिकॉर्ड बात करने पर कहा कि इस तरह का खेल कोई भी एक कंप्यूटर और स्कैनर रखकर कर सकता है। इसमें अगर कहीं से डिपार्टमेंट का इंवॉल्वमेंट नहीं हो सकता। इसकी वजह यह है कि सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है। जो पुराने डाटा हैं, उनको भी डिजिटलाइज किया जा रहा है। इन अधिकारियों का यह भी कहना है कि फर्जी मार्कशीट बनाना या बनवाना क्राइम से जुड़ा मामला है, इसलिये इसमें लोकल पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए।

लोकल पुलिस भी कर रही है जांच

आई नेक्स्ट के इस खुलासे के बाद पुलिस महकमे में भी बेचैनी है। डीजीपी आनंद लाल बनर्जी ने बताया कि फर्जी डाक्यूमेंट तैयार करने के मामले तो सामने आते रहते हैं, लेकिन यहां सर्टिफिकेट सीएम के नाम से जारी कर दिया गया है। इसकी लोकल पुलिस से जांच करायी जाएगी।

आई नेक्स्ट ने किया था स्टिंग

कानपुर में सीएसजेएमयू यूनिवर्सिटी के बाहर चल रहे बड़े गैंग के बारे में आई नेक्स्ट को जानकारी मिली थी। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इसका स्टिंग ऑपरेशन किया तो नमूने के तौर पर सीएम के नाम का हाई स्कूल का सर्टिफिकेट चंद पैसों में कुछ ही मिनटों में हाथ में था।