- नकल मुक्त परीक्षा व पढ़ाई पर शासन गंभीर

- शिक्षक संघ ने योजना का किया कड़ा विरोध

LUCKNOW: यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल मुक्त बनाने और माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शासन गंभीर है। इसकेतहत स्कूलों में सुविधा बढ़ाने के साथ शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने की फुलप्रूफ योजना बनाई गई है। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए यूपी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में सीसीटीवी व बायोमैट्रिक मशीन लगवाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस बाबत विद्यालय प्रबंधन को कड़ा निर्देश जारी कर दिसंबर मंथ के पहले सीसीटीवी और बायोमैट्रिक प्रणाली को लगाने के लिए कहा गया है। आदेश का पालन नहीं होने पर ऐसे स्कूलों को बोर्ड परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। उपशिक्षा निदेशक चतुर्थ मंडल ने जिलाधिकारियों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को लेटर लिखकर योजना का सख्ती से लागू करने की बात कही है।

क्लास में पढ़ाई की व्यवस्था सुधारने के लिए पहल

माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की पठन-पाठन की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पढ़ाई नहीं होने से छात्रों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। स्थिति से निपटने के लिए हर क्लास में सीसीटीवी लगाने की योजना बनाई है। इसके जरिए टीचर क्लास में क्या कर रहे हैं व स्कूल कैम्पस के माहौल पर नजर रखी जाएगी। वहीं बायोमैट्रिक के जरिए शिक्षकों के असमय विद्यालय आने-जाने पर लगाम लगाया जाएगा। सीसीटीवी से परीक्षा में नकल रोकने की तैयारी की जा रही है। उपशिक्षा निदेशक चतुर्थ मंडल महेंद्र कुमार सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को विद्यालयों में सीसीटीवी व बायोमैट्रिक सिस्टम लगवाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी को लेटर लिखकर सिर्फ उन्हीं विद्यालयों को बोर्ड परीक्षा का सेंटर बनाने में वरीयता देने को कहा है, जहां सीसीटीवी लगे हैं।

शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी

बोर्ड के इस फैसले पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ। आरपी मिश्र ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सीसीटीवी लगवाए तो स्वागत योग्य कदम है। डॉ। मिश्र ने बायोमैट्रिक लगाने का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षक मजदूर नहीं है, जो विद्यालय में आकर अगूंठा लगाए। शिक्षकों की निगरानी करना विद्यालय प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों से पहले इस व्यवस्था को शिक्षा विभाग के दफ्तरों पर लागू की जाए क्योंकि वह भ्रष्टाचार के गढ़ बन चुके हैं।

लगेगी कक्ष निरीक्षकों पर पाबंदी

हालांकि शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ। आरपी मिश्रा का कहना है कि बोर्ड ऐसा करता है तो इससे सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में हर साल होने वाले कक्ष निरीक्षकों के नियुक्ति का खेल रुकने में सफलता मिल सकती है। उन्होंने बताया कि अभी तक सेल्फ फाइनेंस कॉलेज एग्जाम टाइम पर बाहरी शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक के तौर पर तैनात करा देते है ताकि उनसे नकल कराई जा सके। बायोमैट्रिक लागू होने से केवल उन्हीं शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाया जा सकता है जो लगातार स्कूल में पढ़ा रहे है।

अभी जिलाधिकारी की ओर से ग‌र्ल्स कॉलेजों में सीसीटीवी और बायोमैट्रिक्स लगाने के लिए लेटर आया है। जिसमें हम लागू कर रहे हैं, अगर बोर्ड ऐसा ऑर्डर जारी करता है तो उसे सख्ती से लागू कराया जाएगा।

- पीसी यादव,

डीआईओएस, लखनऊ