- सेंटर निर्धारण के लिए नहीं दिया गया समय

- शिक्षा विभाग मजबूरी में बनाएगा अपने दागी स्कूलों को एग्जाम सेंटर

- पिछले साल 12 स्कूलों में सामने आया था नकल का मामला

LUCKNOW: यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के बोर्ड एग्जाम में इस बार भी शिक्षा माफिया का वर्चव हावी होने की पूरी तैयारी कर दी है। यूपी बोर्ड की ओर से जिला स्तर पर ख्ब् घंटे में बोर्ड एग्जाम के लिए सेंटर बनाने के लिए ऑर्डर जारी किया गया है। ऐसे में बोर्ड के ऑर्डर के पालन करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से एक बार फिर से उन्हीं स्कूलों को सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है जो पिछले साल सेंटर थे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि पिछले साल बोर्ड एग्जाम में दागी रहे स्कूलों को एक बार फिर से सेंटर बनाया जा सकता है।

सेंटर पर लगे थे अवैध वसूली के आरोप

जिले में पिछले साल यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के एग्जाम कराने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से क्भ्9 सेंटर बनाए गए थे। पूरे एग्जाम के दौरान इन क्भ्9 सेंटरों में करीब एक दर्जन सेंटर ऐसे थे जहां पर अवैध रूप से नकल कराने और इसके लिए पैसे वसूलने तक का मामला सामने आया था। यहां तक एग्जाम कराने के लिए गठित फ्लाइंग स्कार्ड की टीम ने भी कई सेंटर पर नकल होने की सूचना की पुष्टि तक की थी। इसके बाद भी यूपी बोर्ड की ओर से जो आदेश जारी किया गया उसे देखकर तो यही लगता है इस बार भी इन नकल माफियाओं के स्कूलों को दोबारा से सेंटर बनाया जा सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में फिर बनेगे वहीं सेंटर

राजधानी में मलिहाबाद, माल और मोहनलालगंज ऐसे क्षेत्र है जहां पर एडेड और राजकिय कॉलेज न होने के कारण इन क्षेत्रों में स्थिति प्राइवेंट स्कूलों को मजबूरी में सेंटर बनाना पड़ता है। इस बात का फायदा उठाते हुए यह स्कूल नकल कराने के लिए जितना हो सके अवैध वसूली कर करते है। मलिहाबाद में स्थिति कुवंर आसिफ अली इंटर कॉलेज में करीब एक हजार स्टूडेंट्स इंटरमीडिएट में रजिस्ट्रड है। जिसमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। यूपी बोर्ड में छात्राओं को सेल्फ सेंटर होता है ऐसे में यहां नकल का खुला खेल होना है। ऐसा ही माल, मोहनलालगंज, गोसाईगंज और निगोहा जैसे एरिया का है जहां पर सरकारी स्कूल न होने के शिक्षा विभाग को यहां मौजूद प्राइवेंट स्कूलों को ही सेंटर बनाना मजबूरी है।

यूपी बोर्ड ने नियमों में किया बदलाव

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ। आरपी मिश्रा का कहना है कि इस बार केंद्र निर्धारण की नीति को इतना उलझाया गया है। विभाग को मजबूरी में नकल कराने वाले स्कूलों को ही सेंटर बनाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र निर्धारण की नीति क्म् अक्तूबर को जारी किया है। जिसमें क्8 अक्टूबर को जनपदीय समिति के ओर से केंद्र की सूची तैयार करना है। केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया को इतना कम समय दिया गया है। नए स्कूल प्रस्ताव नहीं भेज सकते है, ऐसे में वहीं पुराने स्कूलों को ही सेंटर बनाना शिक्षा विभाग की मजबूरी है।

यह है दागी स्कूल

बक्शी का तालाब इंटर कॉलेज

सक्सेना इंटर कॉलेज

श्री शिवनन्दन इंटर कॉलेज

कुंवर आसिफ अली इंटर कॉलेज

प्रज्ञा बालिका इंटर कॉलेज

पंचशील इंटर कॉलेज

सेंटर बनाने की नीति शासन ने जारी कर दी गई है। उसी को ध्यान में रखकर सेंटर का निर्माण किया जाएगा। नकल माफियाओं पर पूरी सख्ती बरती जाएगी।

पीसी यादव,

डीआईओएस