- पहले दिन ही दिखी नकल माफियाओं की सांठगांठ

- नकलविहीन एग्जाम कराने के यूपी बोर्ड के सारे दावे फेल

LUCKNOW: माध्यमिक शिक्षा परिषद की लाख कोशिशों के बाद भी गुरुवार को यूपी बोर्ड द्वारा आयोजित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट एग्जाम के पहले दिन में नकल माफियाओं की साठगांठ साफ तौर पर देखने को मिली। कई सेंटर पर एग्जाम के नाम पर स्टूडेंट्स से अवैध वसूली तक की गई। एग्जाम देने आए स्टूडेंट्स से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने नकल माफियाओं की पूरी पोल खोलकर रख दी।

तीन हजार रुपये में करो नकल

महेश चंद्र सरस्वती इंटर कॉलेज में एग्जाम देने आए स्टूडेंट्स ने बताया कि बोर्ड फॉर्म भरवाने के लिए पहले तीन हजार रुपए लिये गए। इसके बाद एग्जाम में नकल कराने के लिए भी तीन हजार रुपए लिए गए हैं। वहीं इंटरमीडिएट के साइंस साइड के स्टूडेंट्स से प्रैक्टिकल के नाम पर अलग से दो हजार रुपए मांगे गए थे। छात्र ने बताया कि यह रेट लिस्ट है। एग्जाम पास कराने के नाम पर स्कूलों से साठगांठ कर माफियाओं ने हजारों बच्चों को बोर्ड एग्जाम में शामिल कराया है। इस खेल में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत है। मजे की बात यह है कि इन सभी बच्चों का एग्जाम सेंटर भी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्टूडेंट्स की संख्या अधिक

नकल माफियाओं के साठगांठ का पता इस बात से ही चल रहा है कि माल मलिहाबाद के क्षेत्र में छात्रों के मुकाबले छात्राएं अधिक एग्जाम दे रही हैं। जानकारों का कहना है कि छात्राओं को आसानी से नकल कराया जा सकता है, जबकि छात्र नकल के दौरान हंगामा करने लगते हैं। और पैसे देने के वक्त काफी टालमटोल करते है। ऐसे में नकल माफियाओं की ओर से करीब 70 फीसदी से अधिक छात्राओं को पास कराने के लिए ठेका लिया जाता है। क्योंकि इनको होम एग्जाम का फायदा मिला है। ऐसे में इनकों आसानी से नकल कराई जा सकती है। माल मलिहाबाद क्षेत्र में बने एग्जाम सेंटर पर एग्जाम देने आने वाले 90 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट्स दूरदराज के क्षेत्रों से आते हैं। जिनको नकल माफियाओं के द्वारा मोटी रकम लेकर एग्जाम में पास कराने का गारंटी दी जाती है।

यहां तो तय है हर काम का रेट

फॉर्म भरवाने के फ्000 रुपए

प्रैक्टिकल में पूरे नम्बर दिलाने के लिए भ्00 रुपए प्रति सब्जेक्ट

फिजिक्ल एजुकेशन में नम्बर दिलाने के लिए भ्00 रुपए

नकल कराने के फ्000 रुपए

फर्जी छात्रों की सूचना से मचा हड़कंप

आलम नगर स्थिति एलवाई मैनपुरिया आवासीय इंटर कॉलेज में उस समय हड़कंप मच गया जब एग्जाम देने आए स्टूडेंट्स के स्थान पर किसी और स्टूडेंट्स की सूचना मिली। मामला संज्ञान में आने के बाद डीआईओएस ने खुद कॉलेज में पहुंचकर इसकी जांच की। कॉलेज में सर्वोदय इंटर कॉलेज का एग्जाम सेंटर बनाया गया था। एग्जाम देने आए स्टूडेंट्स में डेढ दर्जन स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड पर फोटो अलग से चस्पा की गई थी। सेंटर पर बोर्ड की ओर से भेजे गए रिकार्ड में स्टूडेंट्स की फोटों मेल नहीं खा रही थी। स्कूल प्रशासन स्टूडेंट्स की दूसरी फोटो एडमिट कार्ड पर लगाकर उसे प्रमाणित करके सेंटर पर भेजा था। इसके बाद मौके पर पहुंचे डीआईओएस ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए उनसे अंडरटेकिंग लेकर एग्जाम देने की मंजूरी प्रदान कर दी। साथ ही उन्होंने स्टूडेंट्स के सभी डॉक्यूमेंट की फोटोकॉपी लेकर उसे जांच के लिए बोर्ड को भेज दिया है। नकल माफियाओं के चक्कर में फंसे कई छात्र-छात्राओं की गुरुवार को परीक्षाएं छूट गई। जीएसआर इंटर कॉलेज के छात्र मुस्तकीम और उसके अभिभावकों ने सुबह करीब क्क् बजे स्कूल पर जमकर हंगामा किया। आरोप है कि स्कूल प्रबन्धक सीपी शुक्ला ने मुस्तकीम को हाईस्कूल एग्जाम में शामिल कराने के लिए करीब पांच हजार रुपए लिए और अब एडमिट कार्ड नहीं दिए।