--तबादला एक्ट को लागू करने से पहले कोटिकरण को सही करने की मांग

--शिक्षकों की 12 बिंदुओं की समस्याओं को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने डीजी से की मुलाकात

देहरादून,

प्रदेश में तबादला एक्ट लागू करने से पहले शिक्षकों ने कोटिकरण की विसंगति को लेकर मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों ने 2016 को जारी किए कोटिकरण के नए शासनादेश को ठीक करने की मांग की। साथ ही कोटिकरण सही न होने तक तबादला एक्ट को लागू न करने की मांग भी की है। इसके साथ ही शिक्षकों ने विभाग में चल रहे वेतन विसंगति को सुधारने की भी मांग की है।

एक्ट हो चुका है पास

तबादला एक्ट को लागू करने से पहले ही शिक्षा विभाग में एक बार फिर शिक्षकों ने कोटिकरण को लेकर अधिकारियों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है। आपको बता दें कि प्रदेश में तबादला एक्ट पास हो चुका है। जिसकी राज्यपाल की ओर से भी संस्तुति हो चुकी है। ऐसे में नियमावली बनते ही एक्ट लागू कर दिया जाएगा। लेकिन प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने एक बार फिर एक्ट को लागू करने से पहले अपनी मांगे रखी है। जिसमें कोटिकरण की विसंगति को सही करने को कहा गया है। वर्तमान में सुगम और दुर्गम के अंर्तगत 6 केटेगरी हैं। जिसको लेकर शिक्षकों में एकराय नहीं है। ऐसे में मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों की परिस्थितियों को एक बार फिर से नए सिरे से केटगिराइज्ड करने की मांग की जा रही है।

वेतन विसंगति को सही करने की मांग

राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी ने बताया कि शिक्षक संघ ने डीजी आलोक शेखर तिवारी से मिलकर अपनी 12 बिंदुओं को लेकर जल्द कार्यवाही करने की मांग की। जिसमें तदर्थ विनियमित शिक्षकों को पूर्व सेवा का लाभ देने, सातवें वेतनमान के बाद वरिष्ठ, कनिष्ठ के वेतन विसंगति को सही करने, रमसा के स्कूलों में वेतन को समय से देने, प्राथमिक से समायोजित शिक्षकों को पूर्व सेवा का लाभ देने, वीआरपी, सीआरपी को यथावत रखने, व्यायाम को विषय के रूप में लागू करने के साथ ही मासिक परीक्षाओं का शैक्षिक पंचाग, ट्रासंपर की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।