पुलिस के अनुसार उन्हें ठग लिया गया जिसके बदले में ठगों ने उनसे 20 लाख रुपये भी ऐंठ लिए। सीएसएमएमयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो। अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि हनुमान नगर, पटना निवासी डॉ। राजीव रंजन प्रसाद दोपहर में डीन आफिस में एडमिशन के लिए पहुंचा। वह एमएस आर्थोपेडिक में एडमिशन के लिए आया था।

जांच के बाद उसके एडमिशन के लिए प्रस्तुत किए गए डॉक्यूमेंट्स फर्जी पाए गए। उन्होंने बताया कि राजीव रंजन ने सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज मुम्बई से एमबीबीएस किया है। जिसके बाद पटना में उसने किसी को 20 लाख रूपये दिए। जिसके बदले में उसे 38500 की रसीद और एडमिशन लेटर दिया गया। जिसमें केजी मेडिकल कॉलेज के वीसी के साइन भी हैं। जो कि फेक हैं।

उसने यूनियन हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्टर के लेटर पैड पर लिखा लेटर भी दिया जो कि केजी मेडिकल कॉलेज के सुप्रीटेंडेंट के नाम लिखा गया था। जब उससे कहा गया कि सब फर्जी है तो वह उसने कहा कि उसे ठग लिया गया है और छोड़ देने की भी रिक्वेस्ट की। उसके खिलाफ चौक कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराकर पुलिस को सौंप दिया गया है।

20 लाख में ठगे गए डॉक्टर

चौक कोतवाली के सीओ पीयूष रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ। राजीव रंजन ने चंदन और उसके दो साथियों को 20 लाख रुपये दिए थे। डॉ। राजीव को चंदन और उसके साथियों ने सेंट्रल गवर्नमेंट के कोटे के द्वारा एडमिशन कराने का भरोसा दिलाया था। जबकि पीजी में ऐसा कोई कोटा लगता नहीं है। उन्होंने बताया डॉ। राजीव रंजन प्रसाद ने चंदन और उसके तीन साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।