- यूजी, पीजी सहित पीएचडी कोर्सेस में एक ही समय पर होंगे एग्जाम

- एलयू एडमिशन के लिए गठित करेगा कमेटी

- एडमिशन कमेटी केवल एंट्रेंस एग्जाम तक करेगी काम

LUCKNOW:

लखनऊ यूनिवर्सिटी में (एलयू) अगले साल से सभी अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, एमफिल और पीएचडी में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम से से होंगे। इसके साथ ही सभी के एंट्रेंस एग्जाम एक ही समय में होंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी इस साल सेंट्रल एडमिशन सेल का गठन करेगी। जो सभी विषयों के एंट्रेंस एग्जाम व एडमिशन के ऑनलाइन आवेदनों पर नजर रखेगी। यह जानकारी शुक्रवार को यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। एसपी सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी की एडमिशन प्रक्रिया में बदलाव करना बेहद जरूरी है। इस साल का पूरा सेशन बीतने को है पर अभी तक पीएचडी और एमफिल जैसे विषयों में एडमिशन की प्रक्रिया चल ही रही है। इससे यूनिवर्सिटी की छवि खराब होती है।

बनेगा सेंट्रल एडमिशन सेल

प्रो। एसपी सिंह ने बताया कि सेशन 2017-18 में सभी कोर्सेस में एक ही समय पर एडमिशन होंगे। अभी तक यूजी, पीजी और पीएचडी के लिए अलग-अलग एडमिशन प्रक्रिया होती है। जिससे प्रक्रिया काफी लम्बी हो जाती है। इसमें बदलाव किया जाएगा। अब एक ही साथ सभी विषयों के एडमिशन की शुरुआत होगी। जिसके लिए एक एडमिशन कोऑर्डिनेटर की अध्यक्षता में एक सेंट्रल कमेटी का यूनिवर्सिटी लेवल पर गठन किया जाएगा। अभी तक एलयू में वीसी एक कोऑर्डिनेटर को नियुक्ति करता था, इसके बाद वह खुद की टीम का चयन करता था। जिसमें काफी समय लग जाता था। जिससे कई बार एडमिशन प्रक्रिया समय से नहीं शुरू हो पाती थी।

एंट्रेंस तक मिलेगी जिम्मेदारी

वीसी ने बताया कि एडमिशन कमेटी का काम एडमिशन आवेदन प्रक्रिया लेना, सभी विषयों का एंट्रेंस एग्जाम कराना, रिजल्ट जारी करना व विषयों की मेरिट तैयार करना होगा। इसके बाद वह सभी मेरिट सम्बन्धित विभागों को भेज दिया जाएगा। जिसके बाद आगे की एडमिशन प्रक्रिया को सभ्ाी विभाग अपने स्तर पर पूरा करेंगे।

डीन की निगरानी में एडमिशन

प्रो। सिंह ने बताया कि एक बार एडमिशन कमेटी जब सभी डिपार्टमेंट को विषयवार मेरिट सूची भेज देगी। उसके बाद सभी फैकेल्टीडीन व अपने-अपने विभागों के एचओडी की निगरानी में एडमिशन होंगे। एचओडी अपने स्तर से एडमिशन लेने के बाद एडमिशन लेने वाले सभी स्टूडेंट्स की लिस्ट डीन को फारवर्ड कर देंगे। जिसे वह प्रमाणित कर यूनिवर्सिटी को देंगे। ताकि स्टूडंट्स का डाटा मौजूद रह सके।

एडमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन होने से यूनिवर्सिटी और स्टूडेंट्स दोनों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही समय से हम एडमिशन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

- प्रो। एसपी सिंह, वीसी, एलयू