म्योहाल चौराहे पर साथी कर्मचारियों की कार से उतर कर निकले थे घर को

सेवइत में नहर पुलिया पर मिली बॉडी, बेटे ने दर्ज करायी हत्या की रपट

ALLAHABAD: परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात रामचंद्र पटेल (57) की मंगलवार की रात हत्या कर दी गई। बुधवार की सुबह उनकी बॉडी सेवइत रेलवे स्टेशन के पास नहर पुलिया पर मिली। रामचंद्र का शरीर नीला पड़ गया था। पोस्टमार्टम में सिर पर चोट से मौत की पुष्टि हुई। रामचन्द्र शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर पहुंचाने रामपुर गये थे। वहां से लखनऊ होते हुए साथी कर्मचारियों के साथ लौट रहे थे। साथियों ने उन्हें म्योहाल चौराहे के पास कार से उतार दिया था। बेटे की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी है।

लखनऊ से घर में किया था फोन

धूमनगंज थाना क्षेत्र के अबूबकरपुर, प्रीतम नगर के रहने वाले रामचंद्र पटेल एलनगंज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में क्लर्क थे। घरवालों का कहना है कि विभागीय कार्य के लिए वह रामपुर गए थे। वहां से लखनऊ में आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल होने चले गए। मंगलवार की रात दो बजे सभी इलाहाबाद पहुंचे। रास्ते से रामचंद्र ने घरवालों को फोन किया कि वह घर पहुंचकर खाना खाएंगे। इसके बाद मोबाइल ऑफ हो गया। बुधवार सुबह घरवालों के पास फोन आया कि रामचंद्र पटेल का शव सोरांव थाना क्षेत्र के सेवइत में नहर पुलिया के पास पड़ा है। रामचंद्र के बेटे सचिन पटेल ने हत्या की आशंका जताते हुए सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया।

साथियों को मना कर दिया था

सीओ सोरांव ने बताया कि रात में विभाग के जिन कर्मचारियों ने रामचंद्र को म्योहाल चौराहे के पास के पास छोड़ा था, उसने पूछताछ हुई है। उनका कहना है कि वह घर तक छोड़ने को तैयार थे लेकिन रामचंद्र ने मना कर दिया था। बाबू के घरवालों का कहना है कि कई मामलों की जांच में शिक्षा माफिया फंस रहे थे। ऐसे में शिक्षा माफिया रामचन्द्र की हत्या करा सकते है।

स्ट्रांग है फैमिली बैकग्राउंड

रामचन्द्र के फैमिली बैकग्राउंड काफी स्ट्रांग है। बड़ा बेटा विजय कुमार पटेल जिला पंचायत औरैया में इंजीनियर के पद पर तैनात है। साढ़ू नीरज पटेल सीतापुर में तहसीलदार हैं। परिवार में कई अन्य अधिकारी हैं। रामचंद्र के तीन बेटे विजय, सुनील और सचिन हैं। पूरे परिवार ने शिक्षा माफिया पर हत्या का आरोप लगाया है।

परीक्षा का प्रश्न पत्र पहुंचाने गया था

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात रामचन्द्र पटेल 13 मई को डायट रामपुर में शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र पहुंचाने के लिए कार्यालय से निकला था। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ। सुत्ता सिंह ने बताया कि डायट में प्रश्नपत्र देने के बाद वह लखनऊ सूचना आयोग कार्यालय में गया। वहां पर दो मामलों में पेशी थी। एक में सुनवाई हुई और दूसरी की डेट लग गई। इसके बाद रामचन्द्र ने फोन पर कार्यालय में सभी बातों की जानकारी दी और शाम तक लौटने की बात कही थी।

साथी चले गये धरने में शामिल होने

यूपी एजूकेशनल मिनिस्टिरियल आफिसर्स एसोसिएशन के मंडलीय सचिव एसएन आब्दी ने बताया कि लखनऊ में 15 मई को एसोसिएशन की तरफ से लखनऊ में बेसिक कार्यालय के समक्ष धरने का प्रोग्राम था। रामचन्द्र भी वहां पहुंचे थे। यहां कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। इन्हें छुड़वाने में काफी समय लग गया। रात में करीब आठ बजे वह एसोसिएशन के पदाधिकारियों परमिल कुमार श्रीवास्तव व विजय शंकर पाण्डेय के साथ उनकी कार से इलाहाबाद के लिए निकले थे। बुधवार को दोनों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि देर रात म्योहाल चौराहे पर रामचन्द्र पटेल कार से उतर गये। कहा कि वह सब्जी लेकर मुंडेरा जाने वाले किसी वाहन से लिफ्ट लेकर चले जाएंगे। इसके बाद दोनों पदाधिकारी एडी बेसिक कार्यालय पहुंचे और अपने-अपने वाहन को लेकर घर चले गए।

रात में विभाग के जिन कर्मचारियों ने रामचंद्र को म्योहाल चौराहे के पास के पास छोड़ा था, उसने पूछताछ हुई है। उनका कहना है कि वह घर तक छोड़ने को तैयार थे लेकिन रामचंद्र ने मना कर दिया था। रिपोर्ट दर्ज करके जांच की जा रही है।

सीओ सोरांव

सुबह हमें घटना की जानकारी हुई। घटना की गहराई से जांच की जाय और जो भी दोषी मिले उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

एसएन आब्दी

मंडलीय सचिव

यूपी एजूकेशनल मिनिस्टिरियल ऑफिसर्स एसोसिएशन