-जीआईसी से बोर्ड परीक्षा के पेपर लाने के लिए प्रिंसिपल को करनी होगी मशक्कत

-बगैर सुरक्षा के बोर्ड परीक्षा का पेपर लाना होगा बेहद टफ टास्क

ALLAHABAD: माध्यमिक शिक्षा परिषद के बोर्ड परीक्षा की तैयारियां फिलहाल अपनी रफ्तार से चल रही है, लेकिन बोर्ड परीक्षा को लेकर केन्द्र व्यवस्थापकों की टेंशन फिर से बढ़ने लगी है। जिलों में जीआईसी से पेपर लाने की जिम्मेदार शासन की ओर से केन्द्र व्यवस्थापक या प्रिंसिपल के ऊपर होती है। ऐसे में बगैर सुरक्षा व्यवस्था के कापी पेपर को जीआईसी से लाने और उसको सुरक्षित रखना प्रिंसिपल के लिए बेहद टफ टास्क होता है। इसको लेकर प्रिंसिपल की चिंता अभी से बढ़ रही है। प्रिंसिपल भी कहते है कि शासन को पेपर को सुरक्षित केन्द्र तक पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए।

परीक्षा पूरी होने तक टेंशन

परीक्षा केन्द्रों तक क्वैश्चन पेपर को पहुंचाने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल को मिली जिम्मेदारी के बारे में उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के महामंत्री एवं सेवा समिति विद्या मंदिर के प्रिंसिपल बृजेश शर्मा ने बताया कि ये एक टफ टास्क होता है। परीक्षा पूरी होने के प्रिंसिपल पर क्वैश्चन पेपर सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है। इसके साथ ही पेपर को लाने में लगने वाले खर्च के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं होती है। इसके साथ ही समय भी काफी बर्बाद होता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासन से बात भी की गई। लेकिन उनकी ओर से कोई उपाय नहीं निकाला जा सका। जिसके कारण अभी से प्रिंसिपल की टेंशन बढ़ने लगी है। उन्होंने बताया कि पेपर को सुरक्षित लाने की जिम्मेदारी प्रिंसिपल को दी गई है। लेकिन प्रिंसिपल के साथ सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं रहती है। ऐसे में अगर कोई घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी भी प्रिंसिपल के सिर पर ही रहती है।

पहले सुरक्षा के बीच पहुंचते थे पेपर

परीक्षा केन्द्रों पर बोर्ड के क्वैश्चन पेपर को सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी पहले प्रशासन के पास होती है। बृजेश शर्मा ने बताया की पूर्व में क्वैश्चन पेपर पूरी सुरक्षा के साथ जीआईसी से परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाए जाते है। इस दौरान क्वैश्चन पेपर ले जाने वालों के साथ आ‌र्म्स गार्ड होते थे। जिससे पेपर को सुरक्षित रखा जा सके। लेकिन अब ये व्यवस्था सिर्फ प्रिंसिपल के ऊपर छोड़ दी गई है।