चयन बोर्ड के सचिव ने मामले की जानकारी होने से किया इंकार

ALLAHABAD: करीब नौ साल पहले फर्जीवाड़े के आरोप में बर्खास्तगी के अनुमोदन के बाद शिक्षक को फिर बहाल करने के डीआईओएस के फरमान की जानकारी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव को भी नहीं है। मामला आरपी रस्तोगी इंटर कालेज, मलाक हरहर में सहायक अध्यापिका नीलू मिश्रा का है।

पता चला तो करेंगे कार्रवाई

प्रकरण में सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड दिव्यकांत शुक्ला ने बताया कि ये पुराना मामला है। इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं। ऐसे में यदि मामला सामने आया तो वे बोर्ड की तरफ से कार्रवाई करेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2004 में नीलू मिश्रा ने चयन बोर्ड द्वारा सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति पायी थी। इस दौरान बीएड डिग्री में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद तत्कालीन डीआईओएस दिनेश सिंह द्वारा उनकीसेवा समाप्ति के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को पत्र लिखा गया था। मामले के करीब नौ साल बाद अचानक मौजूदा डीआईओएस आरएन विश्वकर्मा ने बिना किसी जांच के फर्जीवाड़े की आरोपी नीलू मिश्रा को बहाल कर दिया। इसके बाद से मामला तूल पकड़ने लगा है।