-हर तीन साल पर रिन्यूअल का है प्रावधान, ध्यान नहीं देते कोचिंग संस्थान

-चेकिंग के दौरान डीआईओएस ऑफिस में आ रहे चौंकाने वाले आंकड़े

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PRAYAGRAJ: सूरत में कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद सिटी में भी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की नींद खुल चुकी है. जिला प्रशासन के निर्देश पर डीआईओएस ऑफिस के अधिकारियों व फायर ब्रिगेड के जवानों की बनायी टीम की जांच में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. अब तक की जांच में मिले आंकड़ों के हिसाब से सिटी में सिर्फ 114 कोचिंग संस्थान ही वर्तमान चल रही हैं. वहीं 2002 के बाद से अब तक डीआईओएस ऑफिस के रिकॉर्ड में 1087 कोचिंग संस्थान दर्ज हैं. ऐसे में साफ हो जाता है कि बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थान बिना रिन्यूअल के चल रही हैं.

नहीं करा रहे रिन्यूअल

डीआईओएस ऑफिस के अधिकारियों की मानें तो पिछले कई साल से बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थानों की तरफ से रिन्यूअल नहीं कराया गया है. जबकि हर तीन साल में कोचिंग संस्थान के रिन्यूअल का प्रावधान है. ऐसे में इस बात का पता ही नहीं चलता है कि कौन-कौन से कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं और बंद हो चुके हैं. ऐसे में उचित कदम उठाना भी संभव नहीं हो पाता है.

चार टीमों पर जिम्मेदारी

इस बार सिटी के साथ ही अंचल के क्षेत्रों में रजिस्टर्ड कोचिंग संस्थानों की जांच करायी जा रही है. डीएम के निर्देश में चार टीमें गठित की गई है. इसमें डीआईओएस ऑफिस से प्रत्येक टीम में एक एसोसिएट डीआईओएस, एक फायर आफिसर, एक कर्मचारी, एक अधिकारी डीएम आफिस से व एक अन्य अधिकारी को तैनात किया गया है. इस टीम के ऊपर सभी कोचिंग संस्थानों की प्रॉपटर ढंग से मॉनीटिरिंग की जिम्मेदारी है.

वर्जन

अभी तक की जांच में रिन्यूअल कराने वाले कोचिंग संस्थान की संख्या 114 है. पूरी जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी. हालांकि आंकड़ों में दर्ज संख्या एक हजार से ज्यादा है.

-पीके पाण्डेय

एसोसिएट डीआईओएस