माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की लापरवाही की भेंट चढ़ रही शिक्षा

रिटायर्ड शिक्षकों के सहारे शिक्षा को पटरी पर लाने की हो रही कवायद

ALLAHABAD: नए सत्र की शुरुआत भले ही अप्रैल में हो जाती है, लेकिन सही ढंग से स्कूलों में पढ़ाई की शुरुआत जुलाई माह से ही होती है। दो जुलाई से स्कूलों में पढ़ाई शुरु हो गई, लेकिन शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों को अभी तक पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में स्कूलों में प्रभावित होने वाली पढ़ाई की व्यवस्था के लिए शिक्षा विभाग ने नया फार्मूला तैयार किया है। इसमें शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों के सहारे पढ़ाई पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के पीछे सबसे अधिक जिम्मेदार माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड है। सालों से रूकी शिक्षक भर्ती के कारण सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों की लगातार कमी हो रही है।

50 रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति

सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी का असर लगातार बच्चों की पढ़ाई पर हो रहा है। शिक्षकों के रिटायर होने के बाद से उक्त पदों पर नई नियुक्ति नहीं होने के कारण स्कूलों में पढ़ाई भगवानभरोसे चल रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों को संविदा पर रखने की व्यवस्था शासन की तरफ से की गई। इलाहाबाद जिले में ही जुलाई से पचास रिटायर्ड शिक्षकों को संविदा पर नियुक्ति किया गया है। डीआईओएस की तरफ से चयनित रिटायर्ड शिक्षकों की सूची भी जारी की गई है। इसमें शहर के साथ ही ग्रामीण एरिया के विद्यालय भी शामिल किए गए हैं।

संविदा पर चयनित रिटायर्ड शिक्षकों की सूची जारी कर दी गई है। इससे स्कूलों में पढ़ाई कराने में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

आरएन विश्वकर्मा

डीआईओएस