इज्तेमाई रुय्यते हेलाल कमेटी ने किया चांद का ऐलान

शहर के विभिन्न ईदगाहों में आज अदा होगी ईद-उल-फित्र की नमाज

आतिशबाजी संग इस्तकबाल, सोशल साइट्स पर बधाई का सिलसिला शुरू

चांद रात पर नई सड़क क्षेत्र में उमड़ा खरीदारों का रेला, रातभर हुई खरीदारी

VARANASI:

जिस बेसब्री से चांद की तस्दीक में शहर के मुस्लिम बंधु बेकरार थे वह मंगलवार को आसमान में दिखाई दिया तो आतिशबाजी की छटा बिखर गई. मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी की अध्यक्षता में इज्तेमाई रुय्यते हेलाल कमेटी की बैठक नई सड़क स्थित लंगड़े हाफिज मस्जिद में मगरिब नमाज बाद हुई तो कमेटी ने चांद की तस्दीक कर दी. बैठक में सभी मसलक के उलमा-ए-कराम शामिल थे. कमेटी के कन्वीनर मोहम्मद अशरफ ने बताया कि बुधवार, पांच जून को ईद-उल-फित्र की नमाज शहर के विभिन्न ईदगाहों-मस्जिदों में अदा की जाएगी. बैठक में मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी के प्रतिनिधि के तौर पर मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी सहित मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी, मौलाना अब्दुल्ला नासिर, मौलाना जियाउर्रहमान, मौलाना यूनुस मदनी, मौलाना अब्दुल मतीन, मौलाना नूरुल हसन, मौलाना वलीउल्लाह आदि शामिल थे.

खरीदारों से पटे बाजार

ईद की चांद रात के अवसर पर शहर के सभी छोटे-बड़े मॉल्स व स्थानीय बाजारों में खरीदारों का रेला सारी रात उमड़ा रहा. नई सड़क, दालमंडी, बेनियाबाग, हथुआ मार्केट, पीलीकोठी, मैदागिन आदि क्षेत्र के बाजारों में तिल रखने की भी जगह न थी. मंगलवार देर रात तक परिवार के साथ खरीदारी को अंतिम रूप देने लोग निकलते रहे. रेडीमेड कपड़े, बर्तन, लेडीज सूट, नकाब, सेवई, बिस्किट, नमकीन, चप्पल-जूते, सौंदर्य प्रसाधन, चूडि़यां आदि की जमकर खरीदारी हुई.

जमकर हुई आतिशबाजी :

मंगलवार को मगरिब की नमाज के बाद चांद दिखने के साथ ही आसमान आतिशबाजी से पट गया. ईद-उल-फित्र के स्वागत में बच्चे-बड़ों ने जमकर पटाखे फोड़े.

सोशल साइट्स पर बधाई

ईद के मद्देनजर सोशल साइट्स पर मुबारकबाद देने का सिलसिला जारी है. युवाओं के साथ ही बुजुर्ग भी अब इस होड़ में शामिल हैं. सोशल साइट्स पर लोग एक-दूसरे को ईद की बधाई भेज कर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं.

एतेकाफ के बाद घर पहुंचे

चांद दिखाई देने के बाद एतेकाफ पर रहने वाले इबादतगुजार मस्जिदों से बाहर निकले और अपने घर पहुंचे. रमजान की 21वीं रात से लेकर चांद देखे जाने तक एतेकाफ में बैठने वाले लोग मस्जिद में ही रहकर इबादत में मशगूल रहते हैं. इन दस दिनों के दौरान वे मस्जिद के बाहर कदम भी नहीं निकालते. दिन-रात बस खुदा की इबादत में डूबे रहते हैं. मंगलवार को मगरिब की नमाज के बाद चांद की तस्दीक होने पर ये लोग अपने परिवार के बीच पहुंचे और ईद की खुशियों में शरीक हुए.