रमजान में इंटरटेंमेंट से दूर रही हूं

फीमेल के लिए आलमगंज के पठान टोली में नमाज होती है, जिसे लेकर हम सब उत्साहित होते हैं। वहीं, अंदालिब कुत्सी कहती हैं कि ईद मेन फेस्टिवल होता है जिसे खुशी के बीच सेलिब्रेट करते हैं। ईद को लेकर हमने चार सलवार सूट, चप्पल, ज्वेलरी आदि परचेज की है। घर में नमाज अदा करने के बाद घर के छोटे, बड़े रिलेटिव्स व फ्रेंड्स से गले मिलती हूं और ईद की बधाई देती हूं। रमजान में इंटरटेंमेंट से दूर रही हूं। ईद वाले दिन से टीवी पर सीरियल व मूवी देखने का प्रोग्राम है।

मैं तो बहुत एक्साइटेड हूं

सैयद खुर्शीद अली कहते हैं कि मैंने अपने लिए कुर्ता-पायजामा, टोपी व रुमाल पहले ही खरीद लिया हूं, जिसे पहन कर ईद की नमाज अदा करूंगा। हमने दो जींस व दो शर्ट व दो टी शर्ट परचेजिंग की है। असल में 30 दिनों तक पूरा रोजा रखने वाले के लिए यह अधिक खुशी है। यह मुबारक का महीना है, इसलिए की गयी परचेजिंग का हिसाब खुदा के घर में नहीं होता है। ईद वाले दिन नमाज अदा करने के बाद रिलेटिव्स के बाद फ्रेंड्स से गले मिलेंगे और लोगों को घर इनवाइट कर खुद अन्य के घर जाकर विभिन्न पकवान के जायके का लुत्फ लेंगे। हारिस अहमद कहता है कि ईद का तो इंतजार हम सबको होता है। इस्लाम में नमाज पढ़ोगे, हज करोगे, जकात का रुपया दोगे या फितरा बांटोगे, तो हर कोई इसे देखता है। मगर रमजान का रोजा ऐसा इबादत है, जिसे रोजेदार व अल्लह ही जान पाते हैं। दोस्तों के साथ ईद इंज्वॉय करेंगे और मूवी भी देखेंगे। दो-तीन दिनों तक ईद का खूब इंज्वॉय करते हैं।

बधाई देनी शुरू हो गई

ईदगाह, इमामबाड़ा व मस्जिदों से लाउडस्पीकर के माध्यम से चांद देखे जाने व ईद के कल होने की घोषणा की गयी, लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने एक-दूसरे को बधाई देनी शुरू कद दी। खानकाहे मुनएमिया, मितन घाट के सज्जादानशी सैयद शाह शमीम अहमद मुनएमी, खानकाहे एमादी मंगल तालाब के सज्जादानशी मिसबाह उल हक एमादी के अलावा इमारत ए शरिया, खानकाहे मुजीबिया, शिया समाज के अमानत हुसैन व सैयद मुजफ्फर रजा ने भी चांद के देखे जाने व ईद कल फ्राइडे को होने की बात कही।

सुबह में क्या करें नमाजी

- ईद की नमाज के लिए जाने के पूर्व फितरा (दान) जरूर करें।

- साफ व नया कपड़ा व टोपी पहन इत्र लगाने के बाद ईदगाह ग्रुप में जाएं।

-घर से कुछ बिनखजूर, मीठी सेवई या स्वीट्स खाकर जाएं। इससे पता चलेगा कि अल्लाह की मर्जी से आपने रोजा तोड़ा है।

- घर से नमाज स्थल जाते टाइम दुआ पढ़ते जाएं।

- पॉसिबल हो तो नमाज खुले आसमान के नीचे ईदगाह, खानकाह व मस्जिद में पढ़ें।

यहां अदा होगी ईद की नमाज

शिया समाज

8.00 कबूतरी मस्जिद काठ का पुल

8.30 नौजरकटरा की मस्जिद

8.30 शाहीस्तान ननमुहिया

9.00 बावली मस्जिद

9.30 पत्थर की मस्जिद

10.00 मुरादपुर मस्जिद

10.00 हज्जन साहेब की मस्जिद पश्चिम दरवाजा

10.30 गोलकपर महेंद्रू मस्जिद

10.30 गुलजारबाग बक्फ इस्टेट

सुन्नी समाज

8.00 गांधी मैदान

8.30 जामा मस्जिद पटना जंक्शन

6.30 शनिचरा ईदगाह

7.30 शादी ईदगाह, गुलजारबाग

8.00 खानकाहे मुनएमिया, मितन घाट

9.00 वारगाहे इश्क तकियाशरीफ, मितन घाट

7.30 मितन घाट ईदगाह

7.30 खानकाहे एमादी

7.45 उर्दू मैदान, मंगल तालाब

8.00 वेटनरी ईदगाह

8.15 दरियापुर मस्जिद

8.30 न्यू मस्जिद, सब्जीबाग

8.15 फकीरबाड़ा मस्जिद

8.50 खानकाहे मुजीबिया

8.45 छोटी खानकाह

7.45 संगी मस्जिद

8.00 नूरी मस्जिद

8.00 पुरानी मस्जिद

9.00 शाही जामा मस्जिद मदरसा गली ईदगाह