- वर्षो बाद नवरात्र के पहले दिन दिन-रात होंगे बराबर

- आठ दिनों की होगी नवरात्र, नए कार्यो का शुभारंभ होगा फलदायक

ALLAHABAD: इस बार चैत्र नवरात्र नौ दिन की जगह आठ दिन की होगी। नवरात्र का शुभारंभ ख्क् मार्च से हो रहा है। आम तौर पर नवरात्र के दिनों का घट जाना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन इस बार चैत्र नवरात्र के आठ दिन में छह दिन शुभ संयोग वाले रहेंगे। ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि शनिवार से नवरात्र शुरू होना श्रेष्ठ समृद्धि का कारक होगा। साथ ही ग्रह चाल की दृष्टि से देव गुरु वृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में रहेंगे।

ख्क् मार्च को दिन-रात होंगे बराबर

कई वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि सम्वत बदलाव के साथ ही दिन और रात बराबर होंगे। इस बार नवरात्र स्थापना के दिन ख्क् मार्च को दिन रात बराबर होंगे। सूर्योदय सुबह छह बजे होगा और सूर्यास्त शाम छह बजे होगा। यानी दिन-रात की अवधि क्ख्-क्ख् घंटे की होगी। ऐसी स्थिति कई वर्षो बाद होगी।

कई शुभ संयोग

ग्रह नक्षत्रम संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य आशुतोष वाष्र्णेय के अनुसार चैत्र नवरात्र ख्क् मार्च शनिवार से शुरू होकर शनिवार ख्8 मार्च को समाप्त होगी। नवरात्र की अवधि में कई ऐसे शुभ संयोग बनेंगे, जिनमें केवल शुभ कार्य ही नहीं बल्कि भूमि, भवन, वाहन व गहने की खरीद समृद्धि दायक होगी। सबसे अधिक शुभ योग नवरात्र के पहले दिन रहेगा। इस दिन गुडी पड़वा और विक्रम संवत्सर का शुभारंभ भी होगा। शुक्ल पक्ष प्रारंभ होने पर चंद्रमा इस दिन मीन राशि में रहेगा, जो शुभ फलदायक रहेगा। ख्फ् मार्च को गणगौर तीज विनायकी चौथ एक साथ होने पर नए अनुबंध, गृह प्रवेश आदि कार्य उत्तम रहेंगे। ख्भ् मार्च को पंचमी-छठ एक साथ होगी। इस दिन सूर्योदय से रात क्ख्.0भ् बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। दुर्गा महाअष्टमी ख्7 मार्च को रहेगी। इस बार शनिवार से नवरात्र शुरू होना और शनिवार को ही पूर्ण होना व्यापारियों के लिए विशेष उन्नतिदायक होगा।

प्रात: काल में करें घट स्थापना

देवी पुराण में घट स्थापना के लिए प्रात: काल ही श्रेष्ठ बताया गया है। इसलिए सुबह द्विस्वभाव लग्न में घट स्थापना करना चाहिए। ख्क् मार्च को सूर्योदय प्रात: छह बजे होगा और द्विस्वभाव मीन लग्न प्रात: 7.0ब् बजे तक रहेगा। इसलिए 8.ब्0 बजे से नौ बजे तक घट स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा।

नवरात्र में किस दिन है कौन सा संयोग-

ख्ख् मार्च- सर्वार्थसिद्धियोग

ख्फ् मार्च- रवियोग

ख्ब् मार्च- सर्वार्थसिद्धियोग

ख्भ् मार्च- सर्वार्थसिद्धियोग, कुमार योग व राजयोग

ख्7 मार्च- रवियोग, सर्वार्थसिद्धि योग

ख्8 मार्च- रवियोग

ख्9 मार्च- रविपुष्ययोग, रवि योग व सर्वार्थसिद्धि योग