यूनाइटेड नेशन्स (पीटीआई)। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया में हर साल करीब आठ लाख लोग आत्महत्या कर अपनी जान देते हैं। दूसरी खास बात ये है कि 2016 में आत्महत्या से मरने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 15-29 साल तक रही। बता दें कि सोमवार को वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के मौके पर आयोजित एक समारोह में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और कनाडा के मानसिक स्वास्थ्य आयोग ने आत्महत्या रोकने में समुदायों की सहायता के लिए एक टूलकिट जारी किया गया था। उसी में आत्महत्या करने वाले लोगों के बारे में जानकारी दी गई।

मरने के लिए 20 प्रतिशत लोगों ने किया जहर का इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर ऐसे लोग शामिल थे, जो निम्न और मध्यम आय वाले देशों से संबंध रखते थे। समारोह में बताया गया कि दुनिया में आत्महत्या जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, हर साल आठ लाख लोग आत्महत्या से मरते हैं। उनमें भी ज्यादातर लोगों की उम्र 15-29 साल तक के बीच होती है। यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया में 20 प्रतिशत लोगों ने आत्महत्या करने के लिए आत्म-जहर का इस्तेमाल किया है और मरने वाले अधिकांश ग्रामीण और कृषि आय वाले देशों से संबंध रखते हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा कि जहर के बाद आत्महत्या करने के लिए लोगों ने ज्यादा फांसी और आग का उपयोग किया है। रिपोर्ट में बताया गया कि अधिक आय वाले देशों में ज्यादातर आत्महत्याएं डिप्रेशन या पाबंदियों के कारण की जाती हैं।

आईपीएस के भाई ने कहा, बहू है मौत की वजह, दर्ज कराएंगे एफआईआर

पत्नी को 'आई लव यू' कहकर कानपुर एसपी ने खाया जहर, पढ़ें क्या-क्या लिखा सुसाइड लेटर में

International News inextlive from World News Desk