- पांडे का पुरवा गांव में हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने डाला डेरा

- कुएं के पानी में क्लोरीन का छिड़काव किया गया

मांडा के पांडे का पुरवा गांव में संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को ख्ब् घंटे के भीतर आठ नए मरीज भर्ती कराए गए। सभी को उल्टी-दस्त की शिकायत थी। उधर हेल्थ डिपार्टमेंट का कहना है कि स्थिति को काबू में कर लिया गया है और लोगों की देखरेख के लिए दो टीम तैनात की गई हैं। मरीजों को पीएचसी लालगंज में भर्ती कराया गया है।

कुएं के पानी ने बनाया बीमार

गांव में डायरिया फैलने के पीछे हेल्थ डिपार्टमेंट कुएं के पानी को जिम्मेदार ठहरा रहा है। ऑफिसर्स का कहना है कि एक हजार की आबादी वाले गांव में कुल तीन हैंडपंप और खुले कुएं हैं। लोग इसके पानी को पीने के प्रयोग में लाते हैं। कुएं का प्रदूषित पानी पीकर ही भारी संख्या में लोग बीमार पड़ गए। उनका यह भी कहना है कि हैंडपंप गड्ढों में लगे हैं और इनसे आने वाला पानी पीले रंग का है। यह भी डायरिया फैलने का कारण हो सकता है। ऑफिसर्स ने गांव में पेयजल के उचित इंतजाम कराए जाने की मांग की है।

तो क्या केवल क्ब् मरीज

सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह ने बताया कि गांव में संक्रमण फैलने से दो दिनों के भीतर केवल क्ब् लोगों को ही हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जिनमें से आठ लोग बुधवार को बीमार हुए थे। जबकि, गांव में दो दिनों के भीतर भ्0 से अधिक लोगों के बीमार होने और भर्ती होने की सूचना मिल रही है। जानकारी के मुताबिक एक बच्ची की हालत नाजुक होने पर उसे भी इलाज के लिए तत्काल भर्ती कराया गया था।

मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ

मंगलवार को सीएमओ के दौरे के बाद मांडा के पांडे के पुरवा गांव में डिप्टी सीएमओ एके चौरसिया के नेतृत्व में दो टीमों को भेजा गया था। जिनके जरिए सभी खुले कुएं में क्लोरीन मिलवाई गई और लोगों को दवाएं बटवाई गई। गांव के लोगों को क्लोरीन की गोली देकर इसे पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी गई है। इसके साथ मांडा सीएचसी की टीम को लगातार गांव का दौरा कर रिपोर्ट देने की हिदायत भी दी गई है।

क्या है मामला

बता दें कि गांव में सोमवार को अचानक डायरिया फैलने से भारी संख्या में लोग बीमार पड़ गए। उल्टी-दस्त और बेहोशी के चलते ब्0 से अधिक लोगों को नजदीक के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। नाजुक हालत में दो बच्चों की मौत हो गई। जिस दिन गांव में संक्रमण फैला उस दिन मुख्य सचिव जिले का दौरा कर रहे थे। उनके जाने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम सक्रिय हुई और लोगों को इलाज और दवाएं मुहैया कराई जा सकीं।

- गांव की स्थिति संभाल ली गई है। कुएं में ब्लीचिंग डलवाई गई है। अभी तो हालात संभल गए लेकिन पेयजल की उचित व्यवस्था नहीं हुई तो बार-बार ऐसी दिक्कत आती रहेगी। प्रशासन को यहां पर पीने के पानी का बेहतर इंतजाम करना होगा।

डॉ। आभा श्रीवास्तव, एडी हेल्थ