अप्रैल में हुई थी पहली गिरफ्तारी

दरअसल, विगत 12 अप्रैल को एटीएस ने लखनऊ स्थित रीजनल पासपोर्ट कार्यालय के सहायक पासपोर्ट अधिकारी सुधाकर रस्तोगी को रिश्वत लेकर फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बता दें कि इससे पहले फर्जी पासपोर्ट के मामलें में 27 मार्च को एटीएस ने छह दलालों को दबोचा था, जो मुस्लिम युवाओं के फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने के लिए तमाम पासपोर्ट अफसरों के संपर्क में थे। मालूम हो कि एटीएस ने इससे पहले पासपोर्ट दफ्तर के नौ अफसरों के फोन सर्विलांस पर लिए थे, जिसमे उनके बीच पैसे लेकर फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनाने को लेकर बातचीत के प्रमाण मिले थे। सुधाकर की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने रीजनल पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखकर आठ पासपोर्ट अफसरों को पूछताछ और बयान दर्ज कराने के लिए एटीएस मुख्यालय भेजने को कहा था। इस दौरान जांच में यह साफ हो गया कि किन अफसरों की इस रैकेट में अहम भूमिका थी। अब एटीएस इन अफसरों के बयान दर्ज कर रही है। इसके बाद इनमें से कुछ अफसरों को गिरफ्तार करने की तैयारी भी है।

फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों पर लगाते थे मुहर

दूसरे देशों में जाने वाले युवाओं को पासपोर्ट जारी करने के लिए दलाल फर्जी शैक्षिक दस्तावेज तैयार कराते थे और बाद में पासपोर्ट अफसरों की मदद से इनके सही होने की मुहर लगवाई जाती थी। आतंकवादियों को पासपोर्ट जारी होने के तमाम मामलों की जांच के दौरान एटीएस को पासपोर्ट दफ्तर में चल रहे इस गोरखधंधे का पता चला था, जिसके बाद छह दलालों और सहायक पासपोर्ट अधिकारी सुधाकर रस्तोगी को गिरफ्तार किया गया। मामला देशविरोधी गतिविधियों से जुड़ा होने और एटीएस की जोरदार पैरवी की वजह से सुधाकर रस्तोगी को अब तक जमानत नहीं मिल पाई है। वहीं, दूसरी ओर एटीएस पासपोर्ट में लगने वाले शैक्षिक दस्तावेजों की जांच भी कर रही है।

इन अफसरों को एटीएस ने किया तलब

जयंत सरकार, संजीव कुमार सक्सेना, उमेश तिवारी, अशोक शर्मा, जगलाल, प्रभाकर, राजीव कुमार सक्सेना, शैलेंद्र सिन्हा।

बता दें कि 2 फरवरी को पासपोर्ट अफसर संजीव अरोड़ा और दलाल मारुफ के बीच बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार हैं-

मारुफ : हैलो, हैलो, हैलो

संजीव : हां, बोलो

मारुफ : हम कह रहे हैं, मोहम्मद शान नाम का आदमी आएगा

संजीव : हां, ठीक है

मारुफ : अच्छा, लिफाफा उसी के साथ भेज दें

संजीव : हां, बिल्कुल भेज दो

मारुफ : कितना भेज दें, रि-ईश्यू है

संजीव : चार

 

मारुफ : थोड़ा कम कर लीजिए, काम मेरे पास बहुत रहता है

संजीव : ठीक है, चार भेज दो, अभी बाद में देखा जाएगा

मारुफ : ठीक है, ठीक है

आईजी का बयान

इसको लेकर एटीएस आईजी असीम अरुण ने कहा कि रिश्वत लेकर पासपोर्ट बनाने वाले कुछ अफसरों के फोन रिकॉर्ड किए गये थे। एक अफसर को जेल भेजा जा चुका है जबकि जांच के दायरे में आए आठ अन्य अफसर पूछताछ के लिए तलब किए गये हैं। इस रैकेट में उनकी भूमिका के पुख्ता साक्ष्य मिलने पर उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

National News inextlive from India News Desk