लगभग एक हफ्ते का वक्त लगना तय

यह मुसू का फाइनल इलेक्शन है। यूनिवर्सिटी का सेंट्रल पैनल डायरेक्ट स्टूडेंट्स द्वारा इलेक्ट नहीं होना है, बल्कि इसके लिए फस्र्ट फेज में चुने गये यूनिवर्सिटी रिप्रेजेंटेटिव वोट करेंगे। लेकिन इस प्रोसीजर में लगभग एक हफ्ते का वक्त लगना तय है क्योंकि अभी कुछ कॉलेजों के यूआर फाइनल नहीं है।

यूआर को साथ करने की कोशिश!

एमयू में टोटल वोटर्स की संख्या के हिसाब से 135 यूनिवर्सिटी रिप्रेजेंटेटिव्स इलेक्ट हुए हैं। इन्हें ही यूनिवर्सिटी पैनल इलेक्ट करना है इसलिए इन पर दावों की कमी नहीं है। कई ऐसे कैंडिडेट्स हैं जो भले ही किसी एसोसिएशन से रिलेटेड नहीं हो लेकिन जीतने के बाद उन्हें खुद में शामिल करने की कवायद शुरू हो गई है। इलेक्शन और रिजल्ट के बाद वक्त था सेलिब्रेशन का, लेकिन इसके बीच सभी स्टूडेंट्स एसोसिएशन यूआर के जुगाड़ में भी लगे रहे। पीयू में बाजी मारने वाली एबीवीपी एमयू में रिजल्ट को लेकर खुश दिखी तो एआईएसएफ को संख्या के हिसाब से बड़ा झटका लगा।

पैनल में भी जगह बनाने की कवायद शुरू

कॉलेजों में इलेक्शन के बाद यूनिवर्सिटी पैनल में भी जगह बनाने की कवायद शुरू है। इसमें एबीवीपी और जेडीयू का दावा सबसे मजबूत दिख रहा है क्योंकि जीतने वाले कैंडिडेट्स में से इनके कई कैडर स्टूडेंट्स शामिल हैं। वहीं पीयू में नंबर्स के लिहाज से सबसे आगे रहने वाले एआईएसएफ के हाथ से एमयू की बाजी फिसलती दिख रही है। हालांकि एआईएसएफ ने शुक्रवार को इलेक्शन में गड़बड़ी के आरोप को लेकर प्रोटेस्ट मार्च निकाला

शाम ढलते बदल गया रंग

मुसू इलेक्शन में एक दिन में कई फेज आए। इलेक्शन शुरू होते ही कॉलेज ऑफ कॉमर्स में हंगामा हो गया। अभी यहां माहौल शांत भी नहीं हुआ कि जेडी वीमेंस में हंगामा हुआ। हालांकि इन हंगामों का विकराल रूप नहीं दिखा और इलेक्शन पीसफुली कंडक्ट हो गया। काउंटिंग शुरू हुई तो पहला हंगामा टीपीएस कॉलेज में हुआ तो काउंटिंग के बाद जेडी वीमेंस में एआईडीएसओ ने विरोध किया।

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