-पार्टी कार्यकर्ताओं में भी दिखा बहुत गुस्सा

- 8 विधायकों के बावजूद लोकसभा में हार

DEHRADUN: उत्तराखंड के जनादेश के बाद कांग्रेस का सूपड़ा प्रदेश की लोकसभा सीट पर पूरी तरह से साफ हो गया। पांचों सीटें बीजेपी पाले में जाने का झटका कांग्रेस हाईकमान से लेकर कार्यकर्ताओं तक सभी को झकझोर गया। हार के कारणों पर जहां कांग्रेस के आला पदाधिकारी बैठक के बाद निष्कर्ष निकालने की बात कह रहे है, वहीं पार्टी से जुड़े पुराने कार्यकर्ता अपने ही नेताओं को धिक्कारते और हार का कारण मानते दिखाई दिए।

आहत होकर विधायकों को कोसा

काउंटिंग के दिन कांग्रेस कार्यालय में पार्टी से जुड़ी एक महिला कार्यकर्ता ने अपने ही विधायकों और पदाधिकारियों को धिक्करती दिखाई दी। मौजूदा रुझानों से आहत होकर अपने ही विधायकों को जमकर कोसा। सालों से कांग्रेस से जुड़ी शकुंतला दत्ताल साल ख्007 में धारचुला से विधायक के लिए चुनाव भी लड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आठ- आठ विधायक होने के बाद भी लोकसभा सीट न आना शर्म की बात है।

कांग्रेस खाता नहीं खेल पाई

इससे साफ जाहिर होता है कि चुनाव के दौरान मौजूदा विधायकों ने क्षेत्र में कोई मेहनत नहीं की। इसी का कारण है कि आज पांच में से एक सीट पर भी कांग्रेस खाता नहीं खेल पाई। उन्होंने खुले शब्दों में कार्यालय में कहा कि यह जनता का फैसला है, इसे कोई नकार नहीं सकता, लेकिन प्रदेश में सरकार होने के बाद भी यह हालात वाकई शर्मनाक है।

भाषणों के भ्रमजाल में फंस गई

कांग्रेस प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि जनता गुजरात मॉडल और लुभावने भाषणों के भ्रमजाल में फंस गई। उन्होंने कहा कि पार्टी ने विकास कार्यो को लेकर जनता के बीच जगह बनाई थी। हार मैटर नहीं करती। बीजेपी के लुभावने वादों की पोल खुलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसके अलावा जो खामियां पार्टी लेवल पर रह गई। उसके लिए बैठक में निर्णय लिए जाएंगे।