एंट्री कॉलेज कैंपस में बैन थी

वोटिंग के लिए इंतजाम जरूर थे, जहां बिना प्रॉपर राइट के किसी की एंट्री कॉलेज कैंपस में बैन थी। लेकिन आखिरी दिन का यह इंतजाम स्टूडेंट्स को पोलिंग बूथ तक नहीं खींच सका। वोटिंग की परसेंटेज सुबह में तो डल थी ही, दोपहर की तेजी भी शाम तक फिगर्स में बड़ा चेंज नहीं ला सकी। जो उत्साह पटना यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में दिखा, वह मुसू इलेक्शन से गायब था।

वैलेंटाइन डे का फीवर

एमयू एडमिनिस्ट्रेशन इलेक्शन की डेट को भले ही मुफीद बताता फिर रहा हो लेकिन कई कॉलेजों के प्रिंसिपल तक ने कह दिया कि डेट दूसरी होती तो वोटिंग परसेंटेज अधिक होता। वैलेंटाइन डे के दिन वोटिंग रखने का खामियाजा ऐसा भुगतना पड़ा कि ओवरऑल पोलिंग परसेंट 30 से अधिक नहीं जा सका। हालांकि कुछ छोटे कॉलेजों का इस परसेंटेज को यहां तक पहुंचाने में बड़ा योगदान रहा। पटना रीजन के कॉलेजों में सबसे अधिक आरपीएम कॉलेज में वोटिंग हुई, जहां पोलिंग परसेंटेज लगभग 50 फीसदी रहा। वहीं बीडी कॉलेज जैसे कॉलेज भी रहे जहां महज 18 परसेंट वोटिंग हुई।

पुलिस-रैफ ने संभाला मोर्चा

एमयू इलेक्शन पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन के लिए भी बड़ा सिरदर्द था। कॉलेजों की अधिक संख्या के साथ इनका वैलेंटाइन डे, सिक्योरिटी के लिहाज से क्रूशियल था। वहीं पांच सेंसिटिव कॉलेज थे जहां सिक्योरिटी के स्पेशल अरेंजमेंट थे। इनमें तीन कॉलेज तो शांति से निबट गये लेकिन कॉलेज ऑफ कॉमर्स और जेडी वीमेंस कॉलेज ने सिक्योरिटी सिस्टम पर सवाल उठाए। कॉलेज ऑफ कॉमर्स और एएन कॉलेज में पुलिस के रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात करना पड़ा।

वह दिन आ ही गया

मगध यूनिवर्सिटी के तमाम कॉलेजों में आखिर वह दिन आ ही गया जिसका हर स्टूडेंट को इंतजार था। स्टूडेंट्स सुबह से ही अपनी पसंद के कैंडिडेट्स की सपोर्ट में वोट डालने के लिए खड़े थे। सुबह से ही कॉलेजों में लाइन लगने लगी।

अरविंद महिला कॉलेज

अरविंद महिला कॉलेज में सुबह से वोट देने का सिलसिला शुरू था। कॉलेज की ओर से स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए तीन बूथ बनाए गए थे। हर बूथ पर सुबह से वोट डाले जा रहे थे। लेकिन वोटिंग धीमी हो रही थी। 10 बजे के बाद स्पीड थोड़ी बढ़ी। स्टूडेंट्स में वोट डालने को लेकर उत्साह देखा था।

गंगा देवी महिला कॉलेज

गंगा देवी महिला कॉलेज का नजारा कुछ अलग था। सुबह से ही कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन पूरी तैयारी कर चुका था। पुलिस की भी अरेंजमेंट थी, लेकिन स्टूडेंट्स का आना 10 बजे के बाद ही शुरू हुआ। यहां स्टूडेंट्स में पहली बार वोट डालने का उत्साह था। वोट डालने के बाद घंटों स्टूडेंट्स कैंपस के बाहर मस्ती करती रहीं।

जेडी वीमेंस कॉलेज

जेडी वीमेंस कॉलेज में वोटिंग को लेकर कई बार हंगामा होता रहा। किसी की कंप्लेन वोट नहीं डालने की थी तो कोई जबदस्ती वोट डलवाने का आरोप कॉलेज प्रशासन पर लगा रही थी। कभी वोट को लेकर कंफ्यूजन तो कभी अपने अधिकार के लिए नारेबाजी होती रही। कॉलेज में यूनिवर्सिटी रिप्रेजेंटेटिव के पोस्ट को लेकर भी कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को कंफ्यूजन था। कभी टीचर्स स्टूडेंट्स से बोलते नजर आए कि यूनिवर्सिटी रिप्रेजेंटेटिव के पोस्ट पर वही वोट कर सकता है जो उस डिपार्टमेंट का है। इसको लेकर बाद में केमिस्ट्री के एचओडी डीके सिंह ने स्टूडेंट्स से माफी भी मांगी।

वोट मांगने से लेकर वादों-दावों का शोर

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