- सरकारी योजनाओं की विभिन्न चीजों पर चस्पा पार्टी विशेष के चिह्न को लेकर दुविधा में चुनाव आयोग

- स्कूल जाने वाले बच्चों की पीठ पर टंगा सीएम की फोटो वाला बैग

- साइकिल ट्रैक पर लगे बोर्ड भी दिला रहे पार्टी विशेष की याद

 

GORAKHPUR: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से आदर्श चुनाव आचार संहिता के अनुपालन में जुटे पुलिस-प्रशासन के अफसरों के सामने एक मुश्किल खड़ी हो गई है। बैनर और होर्डिग्स उतरवा रहे अफसरों को सरकारी योजनाओं वाले बैग, झोले आदि चीजों पर बने पार्टी के प्रचार चिन्हों पर रोक लगाने का तरीका समझ नहीं आ रहा.


 

तीन लाख बच्चों में बांटा बैग

बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जिले में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के करीब तीन लाख बच्चों को बैग, थाली और गिलास का वितरण किया गया है। बच्चों को मिले बैग में पीछे की ओर प्रदेश सरकार के मोनोग्राम सहित मुख्यमंत्री की तस्वीर बनी है। इस तस्वीर के साथ बैग का कलर भी एक पार्टी विशेष के झंडे वाले रंग से हूबहू मेल खा रहा है। बच्चे बैग लेकर स्कूल जा रहे हैं। ऐसे में इस पर किस तरह रोक लगाई जाए, अफसर इसी का उपाय खोजने में परेशान हैं.


 

साइकिल ट्रैक से भी दिक्कत

वहीं, प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना के तहत जीडीए ने शहर में साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया है। यूनिवर्सिटी चौराहे से लेकर मोहद्दीपुर, पैडलेगंज तक ये साइकिल ट्रैक बना है। इस पर दोनों तरफ पार्टी विशेष के रंग के बोर्ड पर उनका चुनाव चिन्ह भी बना हुआ है। शुक्रवार देर शाम तक ये बोर्ड हटाए नहीं जा सके थे। उसको देखकर सहज ही एक पार्टी का प्रचार लोगों के जेहन में कौंध जा रहा है।


 

ई रिक्शा पड़ेगा रोकना

हाल ही में शहर के रिक्शा चालकों को ई रिक्शा दिया गया है। 30 नवंबर तक परियोजना में रजिस्ट्रेशन कराने वाले रिक्शा चालकों को विधिवत कार्यक्रम में बुलाकर ई रिक्शा की चाबी सौंपी गई। 20 दिसंबर तक पहले चरण में रजिस्ट्रेशन कराने वाले 130 रिक्शा चालकों को बैट्री वाला रिक्शा डूडा की ओर से दिया गया। शहर के विभिन्न हिस्सों में सरकारी ई रिक्शे दौड़ रहे हैं। पार्टी विशेष के रंग वाले रिक्शे पर प्रदेश सरकार की योजना का जिक्र किया गया है।


 

इन पर भी हो रहा प्रचार-प्रसार

- प्रदेश सरकार की ओर से बांटे गए लैपटॉप

- केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना के कार्ड

- प्रदेश में चल रही 102 और 108 नंबर की एंबुलेंस

- राशन कार्ड और कोटे के दुकान पर बंटे सरकारी झोले

- प्रदेश पुलिस की यूपी 100 वाले सभी पुलिस रिस्पांस व्हीकल पर

 

सत्ताधारी पार्टी के लिए यह है गाइड लाइन

-चुनाव की घोषणा होने के बाद संबंधित सरकार आदर्श चुनाव आचार संहिता के दायरे में होगी।

-आचार संहिता लागू होने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक कोई नई घोषणा नहीं कर पाएंगे।

-किसी तरह के सरकारी दौरे का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए कतई नहीं किया जाएगा।

-किसी सरकारी मशीनरी, आवास, वाहन, अन्य सुविधाओं का चुनाव संबंधित गतिवधियों में इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।

-आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के बाद सरकार अपने कैबिनेट की बैठक नहीं करा सकेगी।

-अफसरों, कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामलों में चुनाव आयोग की अनुमति अनिवार्य होगी।