चुनाव आयोग ने यह नोटिस आम आदमी पार्टी के कथित तौर पर ऐसे पैंफ़लेट बांटने के बाद दिया है, जिनमें धार्मिक आधार पर वोट देने की अपील की गई थी.

इस बारे में चुनाव आयोग से दिल्ली के राजौरी गार्डन के निवासी हरीश खुराना ने शिकायत की थी.

हरीश खुराना ने अपनी शिकायत में कहा था कि धार्मिक आधार पर वोट मांगकर आम आदमी पार्टी ने आचार संहित का उल्लंघन किया है.

चुनाव आयोग ने केजरीवाल को भेजे नोटिस में कहा है कि उन्होंने पैंफ़लेट में लिखा है, "दिल्ली के मुसलमान आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को वोट दें. पर मैं वोट सत्ता या पैसा हासिल करने के लिए नहीं मांग रहा हूं. हम आज की गंदी राजनीति को ख़त्म करके एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करना चाहते हैं."

अरविंद केजरीवाल को चुनाव आयोग का नोटिस

चुनाव आयोग का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

चुनाव आयोग के मुताबिक़ पैंफ़लेट में आगे लिखा गया है, "दिल्ली में...भाजपा सांप्रदायिक पार्टी है. आज तक मुसलमानों के पास विकल्प नहीं था, लेकिन अब मुसलमानों के पास ईमानदार और सेक्युलर विकल्प है."

'आचार संहिता का उल्लंघन'

चुनाव आयोग का कहना है कि प्राथमिक तौर पर ऐसा लगता है कि ये पैंफ़लेट बांटकर आम आदमी पार्टी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

आचार संहिता के मुताबिक़ जाति या सांप्रदायिक आधार पर वोट नहीं मांगे जा सकते.

चुनाव आयोग के नोटिस पर आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने बीबीसी से कहा, "मुझे लग रहा है कि हम जैसा हिंदुस्तान बनाना चाहते हैं, उसमें हिंदू और मुसलमान मिलकर रहें और हिंदुओं और मुसलमानों को या किसी और धर्म के लोगों को बराबरी का हक़ मिले. उसमें अगर आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है तो हम देखेंगे क्योंकि अभी हमने नोटिस नहीं देखा है. प्रशांत भूषण और बाकी लोग देखेंगे कि क्या मामला है."

चुनाव आयोग ने केजरीवाल से 25 नवंबर तक इस नोटिस का जवाब मांगा है.

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