- सीडीओ ने लैटर को पूरी तरह से बताया फर्जी
- एक साल या उससे कम उम्र का बच्चा होने पर मां की ड्यूटी काटने का है आदेश
बरेली -- शहर में 23 अप्रैल को मतदान होना है. चुनाव में कई गर्वमेंट एंप्लॉय की भी ड्यूटी लगाई गई है, जिसके बाद कई एंप्लॉय ड्यूटी कटवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं. जब अधिकारियों से बात नहीं बनी तो किसी ने माहौल बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया पर शासन के आदेश का एक फर्जी लेटर वायरल कर दिया. वायरल लैटर में शासन की ओर से ड्यूटी कटने का आदेश हैं, जिसे ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारी व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर कर रहे हैं. वहीं सीडीओ ने वायरल हुए लैटर को पूरी तरह से फर्जी बताया है.
दोनों की नहीं होगी ड्यूटी
सोशल मीडिया पर वायरल लैटर के अनुसार यदि पति और पत्नी दोनों सरकारी विभाग में जॉब करते है तो शासन की ओर से एक की ड्यूटी काटने का आदेश है. जबकि शासन की ओर से ऐसा कोई भी ओदश नहीं दिया गया है.
जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम लैटर
सोशल मीडिया पर वायरल लैटर शासन की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारी के लिए जारी किया गया है. इसमें लिखा है कि यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन की ओर से मंडे को एक ज्ञापन दिया गया है. ज्ञापन में लिखा है कि पति और पत्नी अगर दोनों सरकारी सेवा में हैं तो एक की ड्यटी हटा दी जाए. ताकि एक घर में रहकर अपने बच्चे की देखभाल कर सके.
एक साल का बच्चा होने पर लीव
सीडीओ ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से कोई लैटर जारी नहीं किया गया है. दरअसल चुनाव ड्यूटी में लगे पति-पत्नी का बच्चा अगर एक साल का है तो उनमें से एक की ड्यूटी हटाने का आदेश है. ऐसे केस में मां की ड्यूटी बच्चे की देखभाल के लिए हटा दी जाएगी.
चुनाव में किसी भी तरह से ड्यूटी काटने का कोई भी लैटर कहीं से जारी नहीं किया गया है. इस तरह का लैटर जो वायरल हो रहा है, वो पूरी तरह से फर्जी है.
सत्येंद्र कुमार, सीडीओ