-एसएसपी ने शहर के पुलिस कर्मियों को बांटी दो पॉकेट बुक्स, इसमें मौजूद है चुनाव आचार संहिता की हर एक जानकारी

-जानकारी पाकर पुलिसकर्मी आसानी से पकड़ सकते हैं आचार संहिता का उल्लंघन

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अगर आप चुनावी माहौल में किसी पॉलिटिकल पार्टी की मीटिंग या किसी नेता का भाषण सुनने जा रहे हैं, तो आप आचार संहिता के बारे में अच्छे से जान लें वरना ऐसा न हो कि आप भूल से कोई चूककर मुसीबत में फंस जाएं। आचार संहिता में आपकी डेली रूटीन की कई एक्टिविटीज भी प्रतिबंधित होती हैं। और अब तो आप किसी भी सूरत में नहीं बच पाएंगे क्योंकि शहर के चप्पे-चप्पे में तैनात पुलिसकर्मियों को चुनाव आचार संहिता की पूरी जानकारी हो गई है। क्योंकि एसएसपी ने सभी पुलिस कर्मियों, पीएसी समेत अन्य पुलिस बलों को आचार संहिता के नियमों की दो पॉकेट बुक बांटी हैं, ताकि वो आचार संहिता का उल्लघंन होने पर तत्काल कार्रवाई कर सकें। साथ ही वे पब्लिक को भी इसके बारे में बता सकें। और अगर आप गलती करते हैं तो कार्रवाई आसानी से की जा सके।

हो सकती है सजा

बुक में साफतौर पर लिखा है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान अगर आपके मोबाइल पर कोई अफवाह फैलाने वाला एसएमएस, एमएमएस, मेल आदि आती है तो आप दूसरों से शेयर न करें और न ही कोई अफवाह फैलाएं। ऐसा करने पर आपको पुलिस बिना वारण्ट के धारा क्ख्भ् लोक प्रतिनिधित्व की अधिनियम क्9भ्क् की धारा क्भ्फ् ए और भ्0भ् के तहत गिरफ्तार कर सकती है। इसमें तीन से पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

महंगा पड़ सकता है छिपाना

पुलिसकर्मियों को बांटी गई बुक के मुताबिक अगर आप किसी पॉलिटिकल मीटिंग या रैली में गए हैं और वहां पर कोई बवाल होने पर ऑफिसर्स या पुलिस कर्मी आपकी पहचान आपसे पूछता है, तो आप शराफत से उनको अपना परिचय बता दीजिए। ऐसा न करने या गलत पहचान बताने पर आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। उस समय ऑफिसर्स धारा क्ख्7 (क्) और (फ्) के तहत आपको बिना वारण्ट के गिरफ्तार कर सकता है। जिसमें छह महीने कैद और ख्000 हजार रुपए जुर्माने की सजा है।

सेलफोन लेकर मत जाना

अगर आप पोलिंग बूथ में वोट डालने जा रहे हैं, तो अपना सेलफोन घर पर रख जाइएगा। ऐसा न करने पर आपको बिना वोट डाले बैरंग वापस लौटना पड़ सकता है। पोलिंग बूथ के अन्दर मोबाइल पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहां पर सिर्फ पीठासीन अधिकारी समेत अन्य ऑफिसर्स अपने पास सेलफोन रख सकते हैं, ताकि वे जरूरत पड़ने पर आला ऑफिसर्स को सूचना दे सकें।

प्रत्याशी की अनुमति पर ही करें

अगर आप अपनी गाड़ी से किसी प्रत्याशी का प्रचार कर रहे हैं, तो इसके लिए आपको उसकी अनुमति लेनी पड़ेगी। वरना आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। आप बगैर प्रत्याशी की अनुमति के गाड़ी से प्रचार करते पाए गए तो जेल जा सकते हैं। इसमें आपको भ्00 रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही आपके पास आरटीओ से जारी परिमट, गाड़ी के पेपर भी होना चाहिए। अगर आप कार से प्रचार कर रहे हैं, तो आप उसमें निर्धारित संख्या से अधिक लोगों को नहीं बैठा सकते हैं। वहीं रिटर्निग ऑफिसर्स की परमीशन पर कॉमर्शियल व्हीकल्स से प्रचार किया जा सकता है। चुनावी सीजन में अपनी गाड़ी पर स्टीकर लगाना भी महंगा पड़ सकता है। अगर आपके पास लाइसेंसी वेपन है और आप वोट डालने जा रहे हैं, तो उसको घर पर ही रख दें। अगर वहां पर कोई वेपन लेकर जाता है, तो धारा क्फ्ब् बी (ख्) के तहत आपको गिरफ्तार कर सकते हैं। जिसमें दो साल की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।

पोलिंग बूथ में मत करना हरकत

वोटिंग के दिन आप पोलिंग बूथ पर कोई भी गलत हरकत करने या ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ करने पर पीठासीन अधिकारी के आदेश पर पुलिस कर्मी आपको गिरफ्तार कर सकते हैं। जिसमें एक साल की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा है।

छुट्टी न देना भी है जुर्म

वोट डालना आपका अधिकार है। अगर आप किसी प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं और आपको वोट डालने के लिए ऑफिस से सवेतन छुट्टी नहीं मिल रही है, तो आप अपने बॉस के शिकायत कर सकते हैं। जिसमें उनको दोषी पाए जाने पर भ्00 रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

पैकेट बांटना पड़ सकता है भारी

अगर आप किसी प्रत्याशी के समर्थक या कार्यकर्ता हैं और प्रत्याशी आपको चुनाव के दिन वोटरों समेत किसी को लंच पैकेट बांटने के लिए कहता है, तो आप उसको साफ मना कर दीजिएगा। वरना पकड़े जाने पर बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। वोटिंग के दौरान यह अपराध की श्रेणी में आता है। जिसमें एक साल की सजा और जुर्माना की सजा हो सकती है।

तो भी डाल सकेंगे वोट

अगर आपका वोट कोई फर्जी तरीके से डाल देता है, तो आपको मायूस होने की जरूरत नहीं है। आप पोलिंग बूथ में पीठासीन अधिकारी से उसकी शिकायत कर अपना वोट डाल सकेंगे। जिसे लिफाफे में टेंडर वोट मान कर अलग रखा जाएगा।

एसएमएस से मिल रहे हैं निर्देश

एसएसपी ने चुनाव में कोई हीलाहवाली न हो, इसके लिए कड़ा बंदोबस्त किया है। एसएसपी अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले के सभी पुलिस कर्मियों के मोबाइल नम्बर का ग्रुप बना लिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर एक साथ सभी पुलिस कर्मियों को निर्देश दिया जा सके। उन्होंने बताया कि चुनाव को निष्पक्ष और शान्तिपूर्ण कराने के लिए रोज मीटिंग होती है। जिसमें कई प्लानिंग होती है। जिसे एक-एक पुलिस कर्मी को बताना संभव नहीं था। जिसे देखते हुए वह ग्रुप मैसेजिंग सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोज सभी पुलिस कर्मियों के पास तीन से चार एसएमएस जाते हैं। जिसमें पुलिसिंग समेत अन्य जानकारी होती है। इससे कई फायदे हो रहे हैं। ं

वर्जन

चुनावी संबंधित मीटिंग में सिर्फ ऑफिसर्स बैठते हैं। ऐसे में आम पुलिस कर्मी को सारे नियम और कानून के बारे में सारी जानकारी नहीं हो पाती है। जिससे वह कोई भी कार्रवाई करने के पहले आला ऑफिसर्स से पूछते हैं। इसे देखते हुए सभी ऑफिसर्स, पुलिस कर्मियों को चुनाव की आचार संहिता से संबंधित दो पॉकेट बुक दी गई है। जिसमें एक में आचार संहिता के नियम और कार्रवाई करने के बारे में जानकारी दी गई है, जबकि दूसरे में चुनाव के संबंधित सवाल और उनके जवाब हैं। इससे पुलिस कर्मी पब्लिक को भी सारे नियम के बारे में जानकारी दे सकेंगे।

-अजय कुमार मिश्रा, एसएसपी