चाय संग चुनावी चर्चा और बन रहे माहौल को समझने के लिए मंगलवार को आई नेक्स्ट ने अपने ऑफिस में ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें रियल स्टेट और अन्य सेक्टर्स से जुड़े कई लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान जब सवाल उछला क्या होगा इस बार बनारस का चुनावी माहौल तो शुरू हो गई ऑफिस में भी अड़ी जैसी चर्चा

सवाल सुनते ही रियल स्टेट कारोबारी अमित शर्मा ने रियेक्ट किया माहौल तो उसी का बनेगा जो कुछ अलग करेगा। हालांकि हर पार्टी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। पांच साल तक दावे होते हैं अच्छी छवि के लोगों को टिकट देंगे लेकिन चुनाव आते ही सब समीकरण बदल जाता है।

बीजेपी को घिरता देख पास में ही बैठे धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने निशाना साधते हुए कहा कि अरे भाई मानता हूं कि भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष है लेकिन जहां चार बर्तन होते हैं वहीं आवाजें आती हैं। मौका नयों को दिया गया है। पुराने कई बार जीत चुके हैं और काम भी हुआ है इस बार नये जीतकर नये सिरे से पार्टी को मजबूत करेंगे।

तभी हाथ में चाय की प्याली थामे प्रवीण तिवारी फट से बोले सही है गुरु लेकिन बीजेपी ने एक गलती की है किसी सीएम का चेहरा अब तक डिक्लेयर नहीं किया जिसके कारण उनका क्रेज कम हो रहा है। आप खुद देख लीजिए अखिलेश सपा से और बसपा से मायावती फाइनल हैं। इसलिए लोग उनकी ओर भाग रहे हैं। बीजेपी को भी यूपी में सीएम का चेहरा जनता के आगे रखकर चुनाव लड़ना चाहिए था।

ये सुनते ही चुपचाप बैठे अंबुज चतुर्वेदी अचानक से गर्मा गए और बोले अभी तो मजा आने वाला है जिस कांग्रेस ने 27 साल यूपी बेहाल का नारा दीवारों पर लिखवाकर सपा को घेरने की तैयारी की थी अब गठबंधन के बाद सपाई संग मिलकर उस नारे को कांग्रेस वाले मिटवा रहे हैं। सच में गुरु ये राजनीति भी बड़ी गंदी चीज है। हर बार पब्लिक इन नेताओं का मोहरा बनती है और चुनावों में कन्फ्यूज होती है।

इसी बीच चर्चा में कूदते हुए मुकुन्द पाल, जीतेन्द्र सिंह, अविनाश गिरी ने एक सुर में कहा कि भाई सरकार किसी की बने लेकिन इस बार अपने बनारस में भाजपा के गढ़ में सेंध लग सकती है क्योंकि टिकट बांटने को लेकर बड़ी लापरवाही हुई है। दक्षिणी से लेकर कैंट तक हर ओर कार्यकर्ता से लेकर वोटर तक सभी परेशान हैं कि आखिर उन्होंने जिसको सोचा था उसे टिकट न मिलकर किसे टिकट दे दिया गया।

तभी इस बात का समर्थन करते हुए प्रदीप सिंह ने कहा कि ये तो पब्लिक पर निर्भर करेगा कि वो इस बदलाव को कैसे देखती है क्योंकि बनारस में भाजपा के विधायकों से लेकर मेयर और पार्षद सभी का दबदबा रहा है और अगर इस बार कुछ गड़बड़ होता है तो पार्टी में ऊपर बैठे लोगों को अपने फैसले पर पछताना पड़ेगा।

इन बातों को सुनते हुए चाय के कप को मुंह से लगाए डॉ। एसबी तिवारी ने झुंझलाते हुए कहा कि कोई बने विधायक लेकिन बस बनारस को समझते हुए बनारस का विकास करे फिर चाहे वो किसी पार्टी का हो ताकि पब्लिक को भी लगे कि हां, बनारस में कुछ हो रहा है।

यूपी चुनावों में हम पूर्वाचल को नजरअंदाज नहीं कर सकते। जब तक सीएम पूर्वाचल से नहीं बनेगा तब तक बनारस और इसके आसपास के जिलों का विकास नहीं होगा।

अमित शर्मा, पैराडाइज एवेन्यू

भाजपा को अब किसी दूसरे चेहरे पर चुनाव लड़ना चाहिए हर बार मोदी लहर का फायदा न लेते हुए यूपी के किसी बड़े नाम संग मैदान में उतरे तो फायदा मिलेगा।

प्रदीप सिंह, निवास इंफ्राटेक

अमेरिका की तर्ज पर हर पार्टी को अपने सीएम कैंडीडेट का चेहरा घोषित कर देना चाहिए लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया जिसके कारण उसे इस चुनाव में नुकसान हो रहा है।

प्रवीण तिवारी, इंफीनिटी वर्ड इंफ्राटेक लिमिटेड

विकास की राजनीति करने वालों को पब्लिक को चुनना चाहिए और अब जरूरी है कि हर कोई इसी सोच से आगे बढ़े न कि जातिगत राजनीति से प्रेरित होकर वोट करे।

अंबुज चतुर्वेदी, धैर्य इंफ्राटेक

ये जरूरी नहीं कि किसी चेहरे पर चुनाव लड़ा जाये। लोकतंत्र में चुनावों के बाद ही सीएम तय होना चाहिए।

डॉ। एसबी तिवारी, मीडिया थीम

नये लोगों को मौका मिला है क्योंकि युवाओं का दौर है और इस बार बीजेपी ने जो दांव खेला है उसमें उसे सफलता भी मिलेगी और यूपी में बीजेपी की सरकार बनेगी।

धर्मेन्द्र त्रिपाठी, एएमएस ग्रुप

बनारस में इस बार बड़ा अच्छा मुकाबला देखने को मिलेगा। फिर चाहे जो जीते लेकिन पब्लिक किसी बड़े को ही चुनकर अपना विधायक तय करेगी ये तो कंफर्म हो चुका है।

मुकुन्द पाल, धैर्य इंफ्राटेक

बहुत जरूरी है कि चुनावों से पहले पार्टी अपना सीएम उम्मीदवार डिक्लेयर करे। सपा और बसपा ने ऐसा किया जिसका उनको फायदा मिलना तय है लेकिन बीजेपी को नुकसान होगा।

जीतेन्द्र सिंह, पैराडाइज एवेन्यू

भाजपा ने पुराने लोगों पर भरोसा न करके बड़ी गलती की है और बनारस में ऐसा करना भाजपा के लिए नुकसान की बड़ी वजह भी बन सकता है। इसलिए इस ओर फिर से कुछ ध्यान देना चाहिए।

अविनाश गिरी, निवास इंफ्राटेक

बनारस में बीते कई सालों से कुछ भी विकास नहीं हुआ है। इसकी बड़ी वजह है कि बीजेपी का लगातार यहां से जीतना। इस बार बीजेपी हारेगी तो ये दिक्कत दूर हो जायेगी।

रवि मिश्रा, रियल स्टेट कारोबारी