-यूपी चुनाव की घोषणा के बाद पुलिस ने शहर से हटवाए बैनर-पोस्टर

-गाडि़यों से उतरीं काली फिल्म, पॉलिटिकल पार्टियों के झंडे

-दोपहर से रात तक चली पुलिस की कार्रवाई, किया फ्लैग मार्च

VARANASI

इंतजार खत्म हुआ, बुधवार को इलेक्शन कमीशन ने यूपी में चुनाव की घोषणा कर दी। इसके साथ आचार संहिता का डंडा लहराया। बस फिर क्या था, बनारस में प्रशासन और पुलिस फास्ट हो गयी। हर उस गड़बड़ी को दूर करने में लग गयी जिससे इसका उल्लंघन होता है। सबसे अधिक कहर टूटा शहर को बदरंग करने वाले बैनर-पोस्टर पर। पुलिस कप्तान का आदेश मिलते ही सभी थाने पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में लगे बैनर-पोस्टर को उतारने में जुट गयी। वहीं गाडि़यों से काली फिल्मों को उतरवाया गया। लाल-नीली बत्तियों को जब्त किया गया। उन पर लगे पॉलिटिकल पार्टीज के झंटे हटवाए। दोपहर से लेकर रात तक पूरे शहर में जबरदस्त कार्रवाई हुई। शहर के लोगों को बेखौफ होकर चुनाव की प्रक्रिया में शामिल होने का संदेश देने के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया।

अजग-गजब रहा नजारा

शहर का नजारा दोपहर से लेकर रात तक अजीबोगरीब रहा। कहीं किसी पोल पर सिपाही चढ़कर पोस्टर हटा रहा है तो कहीं दरोगा जी हाथों में डंडा लिए झंडा तलाश रहे हैं। जिन्होंने कुछ बेगारी करने वालों का इंतजाम कर लिया वो आदेश-निर्देश देकर पोस्टर-बैनर हटवाते रहे। उनकी निगाह हर वक्त ऊपर ही टंगी रही। छोटा-बड़ा जिसकी भी प्रचार सामग्री दिखी उसे जमींदोज कर दिया। बिजली, टेलीफोन के खंभे, सरकारी, गैर सरकारी इमारतों पर लगे बैनर-पोस्टर होर्डिग पुलिस के निशाने पर रहीं। इसमें शासन-सत्ता, बसपा, भाजपा, सपा, कांग्रेस का कोई भेदभाव नहीं हुआ। हालांकि शहर सफाई के इस अंदाज से राहगीरों को मुश्किल हुई। कई तो कार्रवाई देखने में सड़क पर रुक गए तो कहीं सीढ़ी, डंडा आदि लेकर की जा कार्रवाई की वजह से टै्रफिक डिस्टर्ब हुई और जाम लग गया।

ना रह पाए नजरबंद

वाहनों में काली फिल्मों का पर्दा लगाकर खुद को नजरबंद रखने वाले बेपर्दा हो गए। बैनर-पोस्टर की सफाई के साथ पुलिस ने काली फिल्मों की सफाई का अभियान भी शुरू किया। शहर के लगभग सभी प्रमुख चौराहों पर पुलिस के जवान काली फिल्म लगे वाहनों को रोक रहे थे। बिना किसी बातचीत के फिल्म उतारने की प्रक्रिया शुरू हो जा रही थी। सबको चुनाव आचार संहिता लागू होने की जानकारी थी तो सत्ता या रसूख का धौंस भी नहीं दिखा पा रहे थे। इस अभियान की अगुवाई खुद एसएसपी कर रहे थे। कचहरी के पास उन्होंने प्रदेश के एक मंत्री की कार से ब्लैक फिल्म उतरवाया और उस पर लगी लाल बत्ती भी जब्त कर ली। कचहरी, लहुराबीर, मलदहिया, सिगरा, पाण्डेयपुर, लंका, भेलूपुर समेत कई चौराहों पर पुलिस कार्रवाई में लगी रही। टै्रफिक पुलिस ने उसका भरपूर साथ दिया।

पुलिस का कहर पॉलिटिकल पार्टीज का झंडा लगाकर चलने वालों पर भी टूटा। सैकड़ों गाडि़यों से झंडे उतरवाये गए। चुनाव सम्पन्न होने तक उन्हें झंडे लगाकर न चलने की हिदायत दी। इससे भौैकाल मेंटेन करने वालों को मायूसी हुई। ये सोचकर परेशान थे कि बिना झंडा के अब रौब कैसे गांठेंगे।

दिया भरोसा हम हैं ना

चुनाव में गड़बड़ी करने वाले भयभीत और जनता भयमुक्त रहे इस उद्देश्य से पुलिस ने विभिन्न इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला। उनके साथ पीएसी के जवान भी थे। फ्लैग मार्च की शुरुआत एसपी सिटी कार्यालय से हुई। जो लहुराबीर, मलदहिया, तेलियाबाग से होते पुन: कार्यालय पहुंची। वहीं थानेदारों के नेतृत्व में भी फ्लैग मार्च निकाला गया। खादी वर्दी में सशस्त्र जवान जिधर से गुजरे, उन्हें देखने के लिए लोग जमा हो गए।