-चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने तय की प्रचार सामग्री की कीमत

-रेट तय होने के बाद प्रत्याशी नहीं दिखा सकेंगे फर्जी हिसाब-किताब

Meerut: चुनाव आयोग के कड़े निर्देशों के बाद भी प्रत्याशी हर बार सीमा से अधिक धन चुनाव प्रचार में खर्च करते हैं। हिसाब मांगा जाता है तो प्रचार सामग्री की दरों को घटा-बढ़ाकर पेश करते हैं। इस बार ऐसा नहीं चलेगा। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने प्रचार सामग्री के रेट तय कर दिए हैं। प्रत्याशियों का न सिर्फ रेट्स के मुताबिक खरीददारी के निर्देश हैं बल्कि निर्देश यह भी हैं कि हिसाब देते समय सामग्री का सैंपल भी लगाएं।

नहीं चलेगा हेरफेर

एडीएम सिटी एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश चंद्र ने बताया कि विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी की खर्च की सीमा भारत निर्वाचन आयोग ने तय कर दी है। आयोग के निर्देश पर 28 लाख रुपये अधिकतम प्रत्याशी खर्च कर सकेगा जिसमें 20 हजार रुपये से ऊपर के भुगतान चेक के जरिए करना होगा। इसके अलावा चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रचार सामग्री का रेट्स तय कर दिया गया है।

बिल के साथ देना होगा सैंपल

एडीएम ने बताया कि प्रत्याशी को अब खर्च का ब्योरा पेश करने के दौरान बिल के साथ सामग्री का सैंपल भी देना होगा। उन्होंने बताया कि हर सामग्री के रेट्स मार्केट सर्वे कर तय किए गए हैं। सामग्री की रेट लिस्ट जारी कर दी गई है। चुनाव आयोग का इरादा न सिर्फ खर्च की सीमा तय करना है बल्कि खर्चे में जो सामग्री के जो रेट दिखाए गए हैं, उसपर भी नजर रखना है। आयोग के निर्देश पर जारी लिस्ट के आधार पर ही अब सामग्री की खरीददारी होगी।

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रेट लिस्ट

सामग्री रेट

बैनर 200 रुपये

कपड़े का झंडा 60 रुपये

बैज, टोपी, पटका 5 रुपये प्रति

कटआउट 30 रुपये प्रतिवर्ग फुट

होर्डिग 200 प्रति वर्ग फुट

पोस्टर 80 रुपये

लंच पैेकेट 40 रुपये प्रति

पानी की बोतल 18 रुपये प्रति

वाटर केन 50 रुपये प्रति

आयोग के निर्देश पर प्रचार से संबंधित विभिन्न 47 सामग्री के रेट तय कर दिए गए हैं। रेट लिस्ट के मुताबिक ही वे अपना खर्च निर्वाचन विभाग में दाखिल करेंगें।

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चुनाव सामग्री के रेट्स तय करने के पीछे आयोग की मंशा खर्च की सीमा में पारदर्शिता लाना है। रेट्स कम ज्यादा दिखाकर प्रचार सामग्री में हेरफेर की संभावनाएं नहीं रहेंगी।

दिनेश चंद्र, एडीएम प्रशासन