- चुनाव आयोग ने फुलाया सर्राफा कारोबारियों का दम

- कैश लेकर निकलने में डर रहे सर्राफा कारोबारी

- कारोबारियों को सता रही कैश जब्त होने की चिंता

AGRA सिटी का सर्राफा कारोबार चुनाव आयोग की सख्ती के चलते हांफने लगा है। यही कारण है कि इन दिनों सर्राफा बाजार में सन्नाटा छाया हुआ है और शॉपकीपर्स हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। चुनावी सीजन जहां कई लोगों के वारे न्यारे हो रहे हैं वहीं, सर्राफा व्यापारियों का अरबों रुपए का कारोबार प्रभावित हो रहा है। नवरात्र और सहालग में सबसे ज्यादा सोना सेल करने वाले सर्राफा व्यापारी इन दिनों ग्राहकों के लिए तरस रहे हैं। हाल यह है कि पिछले साल की तुलना में सोने के रेट में कमी होने के बाद भी लोग सोना नहीं खरीद रहे।

सता रहा है कैश जब्त होने का खौफ

चुनाव आयोग कैश ट्रांजेक्शन पर कड़ी निगाह रखे हुए है। भ्0 हजार रुपए से ऊपर कैश लेकर जा रहे लोगों पर नजर रखी जा रही है। आयोग के निर्देश हैं कि भ्0 हजार से ऊपर के एमाउंट के यूज के कागजात होने चाहिए। आयोग की सख्ती के चलते सिटी में पुलिस व इनकम टैक्स की टीमें भी सख्त हो गई हैं। सिटी में जमकर चेकिंग चल रही है।

बाहर का बिजनेस ठप, लोकल परसेंटेज भी गिरा

किनारी बाजार के सर्राफा कारोबारी गोविंद मित्तल ने बताया कि चुनाव आयोग की सख्ती की वजह से लोकल मार्केट कम से कम म्0 परसेंट तक गिर गया है। कारण ये है कि सर्राफा बाजार में 90 प्रतिशत काम कैश ट्रांजेक्शन से होता है। सिर्फ क्0 प्रतिशत लोग ही क्रेडिट कार्ड या चेक से भुगतान करते हैं। आयोग की सख्ती की वजह से खरीददार और व्यापारी भ्0 हजार से ज्यादा की रकम लेकर चलने में डर रहा है। जबकि सर्राफा कारोबार में भ्0 हजार बहुत छोटी रकम है। मामूली खरीददार भी एक लाख तक की एमाउंट लेकर आता है।

सेल बढ़ने की जगह हो गया कम

सर्राफा मार्केट एसोसिऐशन के मैंबर उत्सव मित्तल का कहना है कि साल का ये टाइम गोल्ड और सिल्वर की खरीद का पीक टाइम है। इसके तीन रीजन हैं। पहला कि हाल में गोल्ड व सिल्वर के रेट गिर गए हैं। दूसरा सहालग का टाइम है। तीसरा नवरात्रि के समय लोग गोल्ड व सिल्वर की परचेसिंग ज्यादा करते हैं। इन तीन कारणों से इस समय सेलिंग जबरदस्त होनी चाहिए थी। लेकिन हैरानी की बात है कि सेल नॉर्मल डेज से भी ब्0 प्रतिशत तक गिरी हुई है।

डॉलर गिरने से भी नहीं बढ़ी चमक

पहले एक डॉलर म्ख् रुपये का था। जबकि हाल में म्0 रुपये है। सोने के रेट कम हुए हैं और भी कई कारण जिसके चलते सेल बढ़ जानी चाहिए थी। लेकिन चुनाव आयोग की सख्ती के चलते कोई भी व्यक्ति कैश के बड़े एमाउंट को साथ लेकर चलने से डर रहा है। जिससे पूरे कारोबार की स्थिति डाउन हो गई है। खरीददार चुनाव बाद का इंतजार कर रहा है।

स्टॉक करने से बच रहे व्यापारी

सर्राफा व्यापारी गोल्ड व सिल्वर का स्टॉक भी नहीं कर रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स के

मुताबिक, पहला डर तो चुनाव आयोग का है। गोल्ड व सिल्वर लेकर निकलने पर पुलिस के द्वारा पकड़े जाने की संभावना रहती है। दूसरा यह कि अगली सरकार में रुपये की हालत और सुधरने के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं, करीब फ्-ब् परसेंट तक एक्साइज ड्यूटी में भी छूट मिलने की संभावना है जिससे गोल्ड व सिल्वर के रेट और कम हो जाएंगे। इसलिए व्यापारी चुनाव बाद ही स्टॉक करने की सोच रहे हैं।

कौन से कागज लेकर चलें.?

तनिष्क ज्वैलर्स के ओनर धीरज चन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि छोटे व्यापारी से लेकर बड़े तक सब कैश लेकर चलने में डर रहे हैं। आखिर व्यापारी कौन सी कैश बुक लेकर चले। मसलन बहन की शादी के लिए दो लाख कैश लेकर ज्वेलरी खरीदने जा रहा व्यक्ति कौन सा कागज पुलिस को दिखा दे? या फिर टेंट हाउस को 7भ् हजार रुपए पेमेंट करने जा रहा पर्सन पुलिस को क्या कागज दिखाएगा? प्रशासन को इसका हल निकालना होगा।

होली के पहले रेट

सोना फ्क्भ्00 रुपया प्रति क्0 ग्राम

चांदी ब्म्भ्00 रुपया प्रति किलो

इस समय के रेट

सोना ख्9क्00 रुपया प्रति क्0 ग्राम

चांदी ब्फ्800 रुपया प्रति किलो

कब-कब होती है सेल में बढ़ोतरी

सहालग में सेल वृद्धि ख्0-फ्0 परसेंट

नवरात्रि में सेल वृद्धि क्0-ख्0 परसेंट

तनिष्क शोरूम के ये हैं रेट्स

होली से पहले ख्900 प्रति ग्राम

अब ख्8ब्8 रुपए प्रति ग्राम के रेट्स हैं।

इन कारणों से बढ़नी चाहिए थी सेल

। सहालग होने के कारण नार्मल दिनों से दो गुनी गोल्ड सेल होनी चाहिए थी।

। डॉलर के मुकाबले रुपए के मजबूत हो जाने के कारण भी सेल बढ़ जानी चाहिए थी।

। नवरात्रि होने के कारण भी सेल नार्मल दिनों से ज्यादा होनी चाहिए थी

। मार्च में क्लोजिंग होने, फाइनेंशियल इयर क ा एंड होने के क ारण भी ज्यादा बिक्री होनी चाहिए थी। ज्वेलर्स खुद प्रमोट करते हैं।

ये कारण है सेल न होने के

सिटी में गोल्ड की 90 परसेंट से ज्यादा सेल और परचेज कैश में ही होती है।

। लोक सभा चुनावों में आचार संहिता लागू होने के कारण भ्0 हजार रुपए से ज्यादा कैश लेकर चलने पर मनाही कर दी गई है।

। चेकिंग में बिना प्रॉपर कागजों के ज्यादा कैश पकड़े जाने पर जब्त होने, सख्त कानूनी कार्रवाई का खतरा बढ़ गया है।

'चुनाव आयोग की वजह से कारोबार काफी नीचे चला गया है, बाहर का बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया है जबकि लोकल बिजनेस भी काफी कम निकल रहा है। इसका प्रशासन को सॉल्युशन निकालना चाहिए.'

धीरज चन्द्र चतुर्वेदी, ओनर, तनिष्क ज्वैलर्स

'चुनाव आयोग की सख्ती के बाद पचास हजार से ऊपर की धनराशि लेकर चलना भी खतरे से खाली नहीं है, चेकिंग में रकम पकड़ी गई तो तमाम प्रकार के सवाल जवाब होते हैं। ऐसे में चुनाव के बाद ही ज्वैलरी परचेज करने का प्रोग्राम बनाया है.'

शिवम गौर, ग्राहक

'पहले की तुलना में फिलहाल सोने के रेट्स कम हैं लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि सोना उधार मिलता नहीं यहां तो नगद चाहिए और नगद लेकर नहीं चल सकते, बड़ी कशमकश की स्थिति में फंसे हुए हैं.'

संजय चौहान, ग्राहक

'अभी सहालग का टाइम शुरू होने वाला है, प्रशासन को पचास हजार की रकम को बढ़ा देना चाहिए या फिर जरूरतमंदों की जरूरत को समझना चाहिए ताकि प्रॉब्लम फेस न करनी पड़े।

तरून कुमार, ग्राहक

'ज्वैलरी परचेज करने का प्रोग्राम था, लेकिन सिटी में जगह-जगह चेकिंग की जा रही है और ऐसी स्थिति में यदि पैसा जब्त कर लिया गया तो हम कहीं के नहीं रहेंगे, इसलिए चुनाव समाप्त होने तक का वेट कर रहे हैं.'

बदन शर्मा, ग्राहक