चाय पर चर्चा

विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही शहर बनारस की फिजा चुनावी रंग में रंग गई है। जहां जाइये सिर्फ और सिर्फ चुनावी बयार ही बहती हुई दिख रही है। विधानसभा से अधिक चर्चाओं के लिए मशहूर शहर बनारस की चाय व पान की अडि़यों पर कोई पिता-पुत्र की रार से कीचड़ में कमल खिला रहा है तो कोई हाथी की मजबूती पर पंजा का ठेंगा दिखा रहा है। मंगलवार को आई नेक्स्ट टीम जब पांडेयपुर फ्लाईओवर के नीचे घूरे यादव की चाय की दुकान पर पहुंची तो वहां उपस्थित एडवोकेट, स्टूडेंट्स, गवर्नमेंट इम्प्लाईज सहित अन्य पब्लिक की चुनावी चर्चाएं पूरे चरम पर थी। बस आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पूछ दिया कि क्या लगता है किसके सिर उत्तरी का ताज चढे़गा? इतना सुनते ही चर्चाओं को तो पंख लग गया।

विधायक ऐसा जो काम करे सबका

कचहरी से काम काज निपटाकर घर पहडि़या के लिए निकले अमित पांडेय एडवोकेट रास्ते में पड़ने वाले चाचा घूरे लाल यादव के चाय की दुकान पर अमूमन रोज ही रूकते हैं। -वह चाय का कुल्हड़ मुंह से हटाते हुए बोले की इस बार वर्तमान विधायक की राह उतनी आसान नहीं है। जनता में काफी रोष है उन्हें लेकर, अभी अमित कुछ बोलते कि तभी सुजीत पांडेय भी हां में हां मिलाते हुये बोले कि इस बार डगर उतनी आसान नहीं है।

चर्चा में कूदते हुये-अभय प्रताप सिंह बोले कि इस बार लहर कुछ और कह रहीं है। जनता सब समझ गई है कि वर्तमान विधायक कितना काम किये हैं, तभी कुल्हड़ फेंकते हुये हिमांशु गिरी ने कहा कि वर्तमान विधायक अपने विकास कार्यो के बल पर जनता के बीच में फिर वोट लेने आएंगे, लेकिन इस बार दलगत की राजनीति से तौबा करके ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना है जो वाकई में उत्तरी का विकास करें। अभी बात पूरी भी नहीं हुई कि हिमांशु को रोकते हुये विशाल तिवारी ने कहा कि इस बार राजनीतिक पार्टी को नहीं बल्कि साफ-सुथरे, ईमानदार छवि वाले और जनता के सुख-दुख में बराबर की हिस्सेदारी दें उसी को उत्तरी का विधायक बनाया जाएगा। जो उत्तरी विधानसभा के विकास को पंख लगाये.- तभी भट्ठी से चाय की केतली उतारते हुये टी स्टाल के स्वामी घूरे यादव बोलते हैं कि देखा बाबू लोगन बहुत चुनाव देखली, हर चुनउवा में नेताजी लोग वादा करेन कि अबकि बार आपन आशीर्वाद फिर देके विधायक बनाई दा। लेकिन भईया स्थितियां सबकर उहे होला, जितले के बाद फिर नेताजी लोगन सीधे बड़का आदमियन किहन फीता काटते ही देखालन। त अइसन नेतन से अब बचे के चाही। थोड़ा सा तल्ख लहजे में मुंह से चाय की कुल्हड़ हटाते हुये विशाल तिवारी बोलते हैं कि इस बार समीकरण चाहे जैसा भी बने। लेकिन वैसा ही नेता चुनना है जो उत्तरी की सबसे बड़ी समस्या सीवर, जर्जर वायर से निजात और साफ पेयजल दिला सके। वादा करने वाला नहीं दावा करने वाला विधायक चाहिए। विशाल को रोकते हुये दुर्गेश कुमार बोलते हैं कि देखिये इस बार पार्टी नहीं बल्कि प्रत्याशी को देखकर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करिये। सबकि बातें सुन रहे सुजीत पांडेय अपना कुल्हड़ फेंकते हुये बोले कि सुनिए, उत्तरी की जनता विकास चाहती है और विकास सिर्फ बात करने से नहीं होगा, जमीन से जुड़कर काम करने वाले को ही चुना जाएगा।

पांडेयपुर सहित आसपास एरिया में सीवरेज की प्रॉब्लम वर्षो से है। जर्जर तार सड़कों पर गिर रहे हैं, गलियों की स्ट्रीट लाइटें सिर्फ दीवाली पर ही ठीक होती है। अपनी समस्या लेकर विधायक के पास जाइये तो, पता चलेगा कि विधायकजी अभी लखनऊ में हैं। दौड़ते रहिये नेताजी जल्दी मिलेंगे नहीं। उत्तरी की जनता ऐसे विधायक को चुनना चाहती है जो कम से कम एक माह तो अपने क्षेत्रउ में समय दें।

सुजीत पांडेय, पांडेयपुर

जाति धर्म से उठकर इस बार वोट देना है। राजनीतिक पार्टियां जनता की भावना को ठेस पहुंचाकर अपना उल्लू सीधा कर लेती हैं। ऐसे राजनीतिक दलों से इस बार जनता को सावधान रहने की जरूरत है। दलों की नहीं बल्कि प्रत्याशी का प्रोफाइल देखकर वोट दिया जाएगा। नेताओं के खेल को जनता अभी समझ रही है। उत्तरी विधानसभा में जाति-धर्म पर वोट नहीं बंटेंगे।

अभय प्रताप सिंह, पहडि़या

ऐसा कैंडीडेट चाहिए जो जनता के मर्म को समझे। ऐसा नहीं कि सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाए। ईमानदार, कर्मठ और शिक्षित प्रत्याशी को ही उत्तरी विधानसभा का विधायक चुना जाएगा। वर्तमान विधायक के काम-काम पर ऊंगली नहीं उठा रहा हूं लेकिन जनता की शिकायतों को इग्नोर भी तो नहीं कर सकता। विधायक वही जो जनता को भाएं।

हिमांशु गिरी, नदेसर

उत्तरी विधानसभा में युवाओं को भी मौका मिलना चाहिए। युवाओं के जोश खरोश में कोई कमी नहीं, यह किसी को बताने की भी जरूरत नहीं है। युवाओं को कम न आंका जाए। अब राजनीति की दिशा बदलने में युवाओं की भूमिका अहम होती जा रही है। उत्तरी के चुनावी दंगल में यदि कोई युवा कैंडीडेट जोर आजमाइश के लिए उतरता है तो उस पर विचार किया जाएगा।

विशाल तिवारी, सारनाथ