Lucknow: सीन एक: कुशीनगर के एक संवेदनशील  पोलिंग बूथ पर पोलिंग एजेंट वोटर को एक खास पार्टी को वोट करने के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के पास जा कर इशारा कर रहा था। लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम में इस बूथ को मॉनीटर कर रहे अधिकारियों की नजर जब इस एजेंट की हरकत पर पड़ी तो वहां के पीठासीन अधिकारी को फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि इस एजेंट को तुरंत सुरक्षा बलों के हवाले कर दिया जाए.
सीन दो: कुशीनगर में ही एक बूथ पर बसपा प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की एक सुरक्षाकर्मी के साथ कहासुनी की खबर एक चैनल पर फ्लैश होते ही वहां के अधिकारियों से तुरंत संपर्क किया और कहा गया कि सख्ती में कोई ढिलाई ना हो.
सीन तीन: गोरखपुर में एक पीठासीन अधिकारी घनश्याम मिश्र की तबियत बिगडऩे की खबर फोन पर कंट्रोल रुम को मिली। फौरन उन्हें हास्पिटल पहुंचाने का इंतजाम करने का आदेश दिया गया। उन्हें हास्पिटल पहुंचाया गया जहां उनकी मौत हो गयी.
टेक्नोलॉजी ने किया आसान
ये तीन सीन बताने के लिए काफी हैं कि पिछले चुनावों के मुकाबले यह चुनाव कितना अलग है। दस पंद्रह साल पहले इस तरह के चुनाव की कल्पना भी नहीं की गयी थी। लेकिन यह बात की गवाह है कि अगर चाह लिया जाए तो क्या नहीं हो सकता.  इस चुनाव में टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। कई मायनों में यह चुनाव हर बार से अलग है.
ना तो इतनी सख्ती कभी हुई और ना ही इतना कम प्रचार कभी हुआ। फिर भी रिकार्ड तोड़ वोटर घरों से निकल कर लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभाने पहुंच रहे हैं। इलेक्शन कमीशन की नजरें इस बार कुछ ज्यादा ही पारदर्शी दिख रही हैं। अति संवेदनशील पोलिंग बूथों पर डिजिटल कैमरों के सहारे सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे अफसर नजर रखे हुए हैं। गड़बड़ी वाली जगहों पर सीधे कंट्रोल रुम से फटकार लगायी जा रही है और पैरामिलेट्री फोर्स का सहारा लेने को कहा जा रहा है.
हर पल पर नजर
वार रुम का नजारा कुछ ऐसा है जैसे कहीं वाकई में जंग छिड़ी हो। इलेक्शन कमीशन के कांफ्रेंस हाल को बनाये गये वार रुम में सामने प्रोजेक्टर पर रैंडमली अलग-अलग चार बूथों के वीडियो चल रहे हैं। चीफ इलेक्ट्रोरल ऑफिसर उमेश सिंहा सारी चीजें मानीटर कर रहे हैं। एक साइड में पांच टेलीविजन सेट लगे हैं जिन पर तीन रीजनल चैनल के अलावा दो नेशनल चैनल को भी मानीटर किया जा रहा है साथ ही एक एक मिनट की रिकार्डिंग भी की जा रही है। डेढ़ दर्जन लोगों के सामने फोन रखे हुए हैं जो मिनट मिनट पर घनघना रहे हैं। यहीं से सीधे हर दो घंटे पर हुई पोलिंग का परसंटेज मीडिया को बताया जा रहा है।
बूथ की निगरानी सीधे वार रुम से
संवेदनशील बूथों की निगरानी के लिए डिजिटल कैमरे लगाये गये हैं, जो सीधे कंट्रोल रुम को लाइव टेलीकास्ट कर रहे हैं। 11 फरवरी को वोटिंग की जा रही थी। कुशीनगर के फाजिल नगर में बूथ नम्ॅबर 132 पर एक पोलिंग एजेंट बार-बार ईवीएम के पास वोटर के साथ जा रहा था और इशारे से एक खास कैंडीडेट को वोट करने का इशारा कर रहा था। इसे बूथ पर बैठे पीठासीन अधिकारी तो नहीं पकड़ पाये लेकिन कंट्रोल रुम से मानीटर कर रहे लोगों ने उसे पकड़ लिया.
आब्जर्वर ने फौरन आरओ को इंफार्म किया और पर्टिकुलर बूथ पर पहुंचने को कहा। कुछ मिनट में ही बूथ पर आरओ पहुंचे तो वह शख्स किनारे हो गया। लेकिन आयोग में बैठे अधिकारियों ने आरओ को उस शख्स का हुलिया बताया और उसे कैमरे के सामने लाने को कहा। उस एजेंट को कैमरे के सामने लाया गया और फोन पर ही कंट्रोल रुम के अधिकारियों ने उसको फटकार लगायी और पैरामिलेट्री फोर्स के हवाले करने का आदेश दिया.
तुरंत हो रही कार्रवाई
इसके बाद पडरौना विधान सभा में कैंडीडेट स्वामी प्रसाद मौर्य और पैरामिलेट्री के एक जवान के बीच जब कहा सुनी हुई तो एक चैनल पर यह खबर फ़्लैश हुई। फौरन कंट्रोल रुम के अधिकारियों ने वहां के आब्जर्वर से पूरी जानकारी हासिल की। इसी तरह गोरखपुर में एक पीठासीन अधिकारी की तबियत बिगडऩे की खबर भी वार रुम को मिली तो फौरन एक्शन लिया गया।

Reoprted By: Yasir Raza