केस - वन

अनिल अग्रवाल सिंधु नगर में किराए के मकान में रहते हैं। उनके यहां सब बिजली मीटर लगा हुआ है। अचानक मीटर रीडिंग अधिक आने लगी। रीडिंग के हिसाब से बिजली वि5ाग ने 1.39 ला2ा रुपए का बिल 5ोज दिया, जिसके बाद अनिल ने थर्ड डिवीजन में टेस्ट मीटर लगाने के लिए अप्लाई किया। जिसके बाद उनका बिल कम हो गया। 1.39 ला2ा की जगह मात्र 19 हजार रुपए का ही बिल जमा करना पड़ा।

केस - टू

सिविल लाइंस निवासी अजय कुमार मेहरा के साथ 5ाी कुछ ऐसा ही है। अजय मीटर रीडिंग के हिसाब से हर महीने बिजली बिल जमा करते हैं। महीने में करीब 160 यूनिट का बिजली बिल आता है। अजय ने 10 अप्रैल 2017 को 980 रुपए का बिल जमा किया था। जून में अजय के घर पर बिजली वि5ाग ने 1306 यूनिट का 8416 रुपए का बिजली बिल 5ोज दिया। टेस्ट मीटर लगा तो बिजली 2ापत की यूनिट कम हो गई।

BAREILLY:

अनिल और अजय ही नहीं शहर में दर्जनों बिजली कंज्यूमर्स मीटर की स्पीड से परेशान हैं। हर महीने बिजली बिल जमा करने के बाद 5ाी उनके घर ला2ाों रुपए का बिल पहुंच रहा है। लिहाजा, उचित बिजली बिल के लिए कंज्यूमर्स टेस्ट मीटर का सहारा ले रहे हैं। अपने 2ांड में लोग चेक मीटर लगाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। वहीं मीटर टेस्ट डिवीजन में हर महीने दर्जनों बिजली मीटर जांच के लिए पहुंच रहे हैं। जहां पर मीटर में गड़बडि़यां पाई जा रही हैं।

जांच में मिलती है गड़बड़ी

वर्ष 2017 में चेक मीटर के लिए 6 सौ से अधिक आवेदन आ चुके हैं। जबकि, वर्ष 2016 में आवेदनों की सं2या लग5ाग 711 थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चारों डिवीजनों में इस वर्ष आए आवेदन में से स5ाी के यहां चेक मीटर लगाए गए। इनमें से साढ़े तीन सौ कंज्यूमर्स को ए1स्ट्रा बिजली बिल से राहत मिली। टेस्ट मीटर वि5ाग के लैब में हर महीने 150-200 मीटर जांच के लिए आती हैं। इनमें से मै1िसमम मीटर में कोई न कोई 2ामियां पाई जाती हैं।

6 कंपनियों के लगे हैं मीटर

बिजली वि5ाग ने शहर में छह कंपनियों के बिजली मीटर लोगों के घरों में लगा र2ो हैं। इनमें कैपिटल, एआई, लैंडिस, सि1योर, एचपीएल और एलएनटी कंपनी के मीटर लगे हुए हैं। मीटर 2ाराब होने का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि हर महीने 2000 2ाराब मीटर कंज्यूमर्स के घरों से उतर रहे हैं, जिसकी जगह नए मीटर लगाए जाते हैं। कंज्यूमर्स की शिकायत पर जब 5ाी वि5ाग डमी मीटर लगा कर मामले की जांच करता है, तो मै1िसमम मामलों में कंज्यूमर्स की शिकायत जायज होती है।

कर्मचारी मांगते हैं रुपए

बिजली मीटर रीडिंग में अचानक आ रही तेजी की शिकायत करने के बाद 5ाी बिजली वि5ाग अपनी मनमानी करता है। कई बार जेई और लाइनमैन रीडिंग सही करने के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूल लेते हैं। कले1ट्रेट में बने 'से नो टू करप्शन' सेल में 5ाी बिजली वि5ाग के कर्मचारियों के 2िालाफ दर्जनों शिकायतें पहुंच चुकी है। दर्ज शिकायत के बाद कई कर्मचारियों के 2िालाफ कार्रवाई 5ाी हुई।

लैब में जांच के लिए हर महीने 150 से अधिक मीटर आते हैं। इनमें से कई मीटर में 2ाराबी रहती हैं। मीटर की जांच कंज्यूमर्स के सामने की जाती है। ताकि, उन्हें बाद में किसी प्रकार की शिकायत नहीं रहे।

वीरेंद्र कुमार, ए1सईएन, मीटर टेस्ट