-महानगर की अवैध कालोनियों में बिजली के वैध कनेक्शन

-अवैध कालोनियों के लिए बिजली विभाग को ठहराया जिम्मेदार

-बिजली विभाग ने एमडीए पर लगाया गैर-जिम्मेदारी का आरोप

<-महानगर की अवैध कालोनियों में बिजली के वैध कनेक्शन

-अवैध कालोनियों के लिए बिजली विभाग को ठहराया जिम्मेदार

-बिजली विभाग ने एमडीए पर लगाया गैर-जिम्मेदारी का आरोप

Meerut: Meerut: महानगर में धड़ल्ले से कट रही अवैध कालोनियों में बिजली विभाग थोक के भाव कनेक्शन दे रहा है। अवैध कालोनियों में बिजली के कनेक्शन मिलने से एक ओर जहां उनको वैधता का सर्टिफिकेट मिल जाता है, वहीं दूसरी ओर शहर में अवैध कालोनियों को बढ़ावा मिल रहा है। यह कहना हमारा नहीं, बल्कि के शहर के विकास का जिम्मा उठा रहे एमडीए का है।

क्या है मामला

शहर के गली-मुहल्ले में अवैध इमारतें कुकरमुत्तों की तरह खड़ी हो गई हैं। किसी भी अवैध कालोनी की शुरुआत जहां एमडीए अफसरों की लापरवाही या फिर मिली भगत के साथ होती है, वहीं बिजली विभाग उसको कनेक्शन देकर वैधता का प्रमाण पत्र दे देता है। अवैध निर्माणों के इस कारोबार को लेकर जब दोनों विभागों के अफसरों से बात की जाती है, तो न केवल टाल मटोल करते नजर आते हैं, बल्कि इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने से भी नहीं चूकते।

गैर-जिम्मेदार बिजली विभाग

मेरठ विकास प्राधिकरण का मत है कि अवैध कालोनी को किसी भी सूरत में बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जा सकता। किसी भी तरह का कनेक्शन लेने से पहले एमडीए की एनओसी अति आवश्यक होती है, लेकिन बिजली विभाग सभी नियम कायदों को ताक पर रख कच्ची कालोनियों में धड़ल्ले से कनेक्शन बाट रहा है। इसका परिणाम यह है कि शहर में अवैध कालोनियों को बढ़ावा मिल रहा है।

जिम्मेदार बने एमडीए

इस बारे में जब बिजली विभाग के अफसरों से बात की गई तो उन्होंने अवैध कालोनियों के लिए एमडीए को ही जिम्मेदार ठहराया। विभाग का मत है कि किसी भी अवैध कालोनी की शुरुआत में ही एमडीए को उस पर कार्रवाई करनी चाहिए। बजाए इसके एमडीए अन्य विभागों को जिम्मेदार ठहराता है।

कानून एक नियम अलग

बिजली विभाग यदि किसी कालोनी में सौ लोग से अधिक रह रहे हैं, तो कालोनी वासी किसी भी आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकता है। बिजली विभाग कालोनी के लोगों से विद्युतीकरण का चार्ज वसूल कर कनेक्शन दे देता है। नियम के मुताबिक बिजली विभाग के कनेक्शन के लिए एमडीए की एनओसी आवश्यक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नए निर्णय ने अब कनेक्शन प्रक्रिया आसान बना दी है।

क्या कहते हैं अफसर

एमडीए केवल इमारतें खड़ी करना जानता है। उसके यहां बिजली का कोई प्रावधान नहीं। शहर में रहने वाले हर नागरिक के पास बिजली-पानी का अधिकार है। अवैध कालोनियां एमडीए को तोड़ देनी चाहिए। अन्यथा उनमें आबादी होने की दशा में बिजली विभाग उनको कनेक्शन देने के लिए बाध्य है।

-पीके निगम, एसई अर्बन बिजली विभाग

बिजली विभाग को कनेक्शन देने से पूर्व एमडीए की एनओसी चेक करनी चाहिए। यदि कस्टमर एमडीए की एनओसी महैया नहीं करा रहा तो कनेक्शन लेने के लिए अपात्र है। अवैध कालोनियों कनेक्शन देना अवैध प्रक्रिया है।

-राजेश कुमार यादव, वीसी एमडीए