- राज्य सरकार ने कई निगमों के एमडी हटाए

- कई विवादित चेहरों को दी गयी साइड पोस्टिंग

- केंद्रीय मंत्री के सख्त तेवरों के बाद मचा हड़कंप

LUCKNOW : राज्य सरकार ने बिजली महकमे के कई अफसरों को करारा शॉक दिया है। सोमवार को बिजली महकमे के कई निगमों के एमडी हटा दिए गये। विवादित चेहरों को साइड लाइन करते हुए उन्हें महत्वहीन पदों पर भेजा गया है। उनके स्थान पर नए अफसरों को निगमों का एमडी बनाया गया है। वहीं सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के कड़े तेवरों को देखते हुए महकमे में हड़कंप का माहौल है। जल्द ही कई अन्य अफसरों को हटाए जाने के भी संकेत मिल रहे हैं।

हटाए गये एसके पांडेय

राज्य सरकार ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी एसके पांडेय को हटा दिया है। उनके स्थान पर मेरठ में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वाणिज्य अरविंद राजवेदी को एमडी बनाया गया है। उन्हें मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वाणिज्य का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है। मालूम हो कि एसके पांडेय की तैनाती सपा सरकार में हुई थी। इसे लेकर खासा विवाद भी उठा था। वहीं आगरा में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वाणिज्य सत्यवीर सिंह राठौर को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम का निदेशक वाणिज्य बनाया गया है। वे अभी तक एमडी का काम भी देख रहे थे। वहीं मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक तकनीकी एसके वर्मा को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का एमडी और निदेशक तकनीकी के पद पर भेजा गया है। इसके अलावा पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक तकनीकी अनिल कुमार को पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम का एमडी और निदेशक तकनीकी बनाया गया है। मालूम हो कि पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी एके सिंह पिछले महीने रिटायर हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने सोमवार को सभी तबादलों के आदेश जारी कर ि1दए हैं।

यूपी के बिजली अफसरों से पीयूष गोयल नाराज

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल यूपी के बिजली अफसरों से कुछ नाराज हैं। यही वजह है कि सोमवार को नई दिल्ली में बिजली विभाग के अफसरों के साथ बैठक में उन्होंने साफ कर दिया कि जो अधिकारी नई व्यवस्था में खुद को ढाल नहीं पा रहे, वे एक हफ्ते के भीतर अपना इस्तीफा दे सकते है। उन्होंने चेताया कि अधिकारी गोल्फ खेलने के बजाय अपने काम पर ध्यान दें ताकि अक्टूबर 2018 तक हर घर में 24 घंटे बिजली मुहैया करायी जा सके। अफसरों और ठेकेदारों के बीच साठ-गांठ पर इशारा करते हुए कहा कि ठेकेदारों के साथ किसी भी तरह की मिलीभगत अब नहीं चलेगी। अगर किसी अधिकारी की एक रुपये की भी रिश्वत लेने की शिकायत मिली तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने प्रोजेक्ट कॉस्ट कम करने के लिए बिडिंग प्रोसेस में सुधार लाने के निर्देश दिए। साथ ही जाति धर्म के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव न करने को कहा। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की भी समीक्षा की और खुद भी वहां का दौरा करने के संकेत दिए। बैठक में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल समेत हर डिस्कॉम के अधिकारी मौजूद थे।