- बाथरूम से नहा कर बाहर आया था, पंखा चलाते वक्त लगा करंट

- प्रशांत की मौत की खबर मिलते ही कैंपस में स्टूडेंट्स हुए गमगीन

-पैरेंट्स की रिक्वेस्ट पर पुलिस ने नहीं कराया पोस्टमार्टम

KANPUR:

चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के तिलक हॉस्टल में एक स्टूडेंट की करंट की चपेट में आकर मौत हो गई। स्टूडेंट की मौत की खबर कैंपस में फैलते ही यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे उसके दो भाईयों का बुरा हाल हो गया। साथ ही अन्य स्टूडेंट्स भी अवाक रह गए। फैमिली मेंबर्स की रिक्वेस्ट करने पर पोस्टमार्टम कराए बिना डेडबॉडी उन्हें सौंप दी गई। जिसे लेकर दो बजे वह कैंपस से चले गए। वहीं पुलिस ने तिलक हॉस्टल के रूम नंबर 5 को सीज करा दिया।

भाई के रूम में ही रहता था

नगला वैदपुरा जसवंत नगर इटावा के रहने वाले मान सिंह यादव का चौथे नंबर का बेटा प्रशांत यादव सीएसए में बीएससी एजी थर्ड इयर का स्टूडेंट था। उसे अम्बेडकर हॉस्टल के ए ब्लॉक में रूम नंबर 66 एलॉट किया गया था, लेकिन वह ज्यादातर वक्त एमएससी एग्रोनामी में पढ़ने वाले अपने बड़े भाई हेमंत यादव के पास तिलक हॉस्टल के रूम नंबर 5 में ही रहता था।

चारों भाई सीएसए स्कॉलर

प्रशांत यादव के बड़े भाई रिपुदमन यादव एग्रोनामी में पीएचडी कर रहे हैं। जबकि हेमंत यादव एमएससी कर रहे हैं। प्रशांत के सबसे बड़े भाई भी सीएसए के स्टूडेंट्स रहे हैं। वह इस वक्त जॉब कर रहे हैं। प्रशांत की कजिन दीप्ती यादव बीएससी होमसाइंस थर्ड इयर की स्टूडेंट हैं। इसके अलावा उसके करीबी रिश्तेदार राघवेन्द्र यादव भी सीएसए से ही पढ़ाई कर रहे हैं।

वक्त ने नहीं दिया साथ

प्रशांत की मंगलवार की सुबह 8 बजे से प्रोफेसर लालमणि की क्लास थी। वह दोस्तों के साथ क्लास में गया भी था, लेकिन किसी वजह से टीचर क्लास में नहीं आए थे। जिसके बाद प्रशांत अटेंडेंस लगवाकर वापस अपने भाई के रूम पर लौट गया। अगर क्लास में टीचर आ जाते तो शायद उसकी जान बच जाती।

मौके पर हो गई डेथ

सुबह क्लास जल्दी होने की वजह प्रशांत बिना नहाए गया था। वहां से लौटते ही वो सबसे पहले नहाने गया। नहाने के बाद वो बाहर निकला और टेबिल फैन चलाने के लिए प्लग लगाने लगा। इस दौरान फैन के तार का कटा हुआ एक हिस्सा उसके पैर के नीचे दबा रह गया और उसने प्लग लगा दिया। जिसकी वजह से वह करंट की चपेट में आकर फर्श पर गिर गया। चंद मिनटों में ही उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर बदहवास भाई प्रशांत को बाइक से लेकर पहले जीटी नर्सिंग होम और फिर हैलट ले गए, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी पहले ही मौत हो चुकी है। इस खबर के यूनिवर्सिटी पहुंचते ही पूरे कैंपस में गम का माहौल हो गया।

सोमवार को ही घर से लौटा था

जन्माष्टमी की छुट्टी के बाद कल शाम को ही प्रशांत घर से वापस आया था। सीएसए की राष्ट्रीय सेवा योजना की इंचार्ज डॉ। मिथलेश वर्मा ने बताया कि सोमवार की शाम को उससे फोन पर बात हुई थी। जब भी एनएसए का कैंप लगता था तो वह बढ़चढ़कर भागीदारी करता था। उन्होंने बताया कि अपने हंसमुख स्वभाव की वजह से वह सभी का दोस्त बन गया था।

मजबूरी में फैलाते हैं 'मौत' का सामान

हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को मजबूरी में 'मौत' का सामान अपने रूम में रखना पड़ता है। दरअसल मेस के मिस मैनेजमेंट की वजह से स्टूडेंट्स हॉस्टल के रूम में ही खाना बनाने के लिए हीटर रखते हैं। जिसकी वजह से रूम में तारों का मकड़जाल फैला रहता है। स्थिति इसलिए और भी खराब हो जाती है, क्योंकि एक रूम में सिर्फ एक ही प्लग मिलता है। स्टूडेंट्स की इन समस्याओं पर भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को ध्यान देने की जरुरत है।