-मिनस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने काट दी थी प्रशासनिक भवन की लाइट

बरेली :

रुहेलखंड विश्वविद्यालय में बिजली की किल्लत सैटरडे को रार में बदल गई। आवासीय परिसर में कटौती, ट्रिपिंग से आक्रोशित मिनिस्ट्रियल स्टॉफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रशासनिक भवन की बिजली काट दी। इससे करीब ढाई घंटे तक प्रशासनिक भवन में अंधेरा छाया रहा। कंप्यूटर, इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई तो सारा कामकाज ठहर गया। घंटों वार्ता के बाद कर्मचारी इस शर्त पर राजी हुए कि मंडे तक बिजली की समस्या दूर न हुई तो फिर आंदोलन होगा। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। हेम कुमार गौतम, ललित किशोर, राजबहादुर, ओपी मिश्रा, डॉ। वाईपी सिंह, रामसेवक यादव, दीप जोशी और शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ। विजय बहादुर सिंह यादव आदि मौजूद रहे।

बिजली कटौती से परेशान है स्टाफ

कर्मचारियों का कहना है कि यहीं से कुछ शैक्षिक डिपार्टमेंट्स को भी विद्युत सप्लाई होती है। कर्मचारी संघ के महासचिव राजबहादुर ने कहा कि सुबह-शाम बिजली कटौती आम है। पांच माह पहले विवि ने ये भरोसा दिया था कि एमसीबी लगाकर समस्या दूर की जाएगी। पर आज तक एमसीबी नहीं लग पाई। दो दिन से समस्या बड़ी तो मजबूरन आंदोलन को विवश होना पड़ा। वहीं, कामकाज बंद रहने पर दूर-दराज से पहुंचे छात्र भी कुलसचिव के यहां आ धमके। उन्हें शांत कराया गया।

मंडे तक की मोहलत

-कर्मचारियों के काम ठप करने पर कुलसचिव अशोक कुमार अरविंद और परीक्षा नियंत्रक महेश कुमार ने कर्मचारियों संग बैठक की। बिजली का काम देखने वाले कर्मचारी को बुलाया। एमसीबी न लगने की वजह जानी तो पता लगा कि अभी तक इसकी फाइल ही अटकी है। कुलसचिव बोले मैंने पांच महीने पहले ही उसे स्वीकृत कर दिया था।

वर्जन

-पर्याप्त बिजली आपूर्ति का हल तलाशा जा रहा है। फौरी तौर पर मंडे तक एमसीबी लग जाएगी। कर्मचारी इस पर राजी हो गए और काम सुचारू हो गया।

अशोक कुमार अरविंद, कुलसचिव रुविवि