- हजारों लोगों को लगातार दूसरे महीने नहीं मिले बिजली के बिल

-सबस्टेशन, डिवीजन ऑफिस के चक्कर लगा रहे लोग

KANPUR: इलेक्ट्रिसिटी बिल बनाने की डेडलाइन खत्म हो चुकी है, लेकिन अभी तक 1.11 लाख से अधिक लोगों के बिजली के बिल नहीं बने है। इनमें से हजारों लोग तो ऐसे हैं, जिनके इलेक्ट्रिसिटी बिल लगातार दूसरे महीने नहीं बनाए गए है। जिससे लोग परेशान है और बिल बनवाने के लिए केस्को के सबस्टेशन, डिवीजन ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं।

चेतावनी काम नहीं आई।

केस्को के सिटी में 5.21 लाख कन्ज्यूमर हैं। घर-घर जाकर बिजली का बिल बनाने की जिम्मेदारी वैक्सेल, इनोवेसर, सीआई और एमएसपीएल कम्पनी के पास है। बावजूद इसके बिलिंग एजेंसी 88555 से अधिक इलेक्ट्रिसिटी बिल नहीं जेनरेट पाई थी। इस पर केस्को एमडी सेल्वा कुमारी जे और चीफ इंजीनियर एके कोहली ने चारों बिलिंग एजेंसी की जमकर क्लास ली थी। उन्हें नवंबर में 23 तारीख तक हर हाल में 100 परसेंट बिलिंग की डेडलाइन देते हुए चेतावनी तक दी गई थी। पर चेतावनी बेअसर साबित हुई है। मंडे को डेडलाइन बीत गई। केस्को अफसर आरडी पांडेय ने बताया कि अब तक बिलिंग एजेंसीज ने 410545 बिल बनाए हैं। जबकि कनेक्शन की संख्या 5.21 लाख से भी अधिक है। बिल न बनने से लगातार दूसरे महीने लोगों को सबस्टेशन, डिवीजन ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ रहे है। जहां उन्हें लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है।

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कर्नलगंज में 4 घरों में पकड़ी गई बिजली चोरी

KANPUR: कर्नलगंज में बिजली चोरी के मामले लगातार दूसरे दिन भी पकड़े गए। मंडे को कर्नलगंज के सिद्दक मियां का हाता में 4 घरों में बिजली चोरी पकड़ी। 4 मीटर घरों के मीटर घर के बाहर लगाए गए। केस्को अफसर आरडी पांडेय के मुताबिक इनके नाम परवीन जहां, अब्दुल अजीज, शाह मोहम्मद और एजाज अहमद हैं।

673 मीटर बदले

KANPUR: केस्को ने ई मित्र अभियान के अ‌र्न्तगत अब तक 673 खराब, मैकेनिकल आदि गड़बड़ मीटर बदले हैं। इनमें सबसे अधिक 254 मीटर फूलबाग डिवीजन हैं। दूसरे नम्बर पर गोविन्द नगर डिवीजन है। जिसमें 123 मीटर बदले गए हैं।

कोयला नगर सबस्टेशन में फूटी चिंगारी

KANPUR: मंडे को साउथ सिटी के कोयला नगर सबस्टेशन में सुबह 11.55 बजे फ्लैश ओवर होने से अफरातफरी मच गई। केस्को इम्प्लाइज भाग खड़े। इसके चलते सबस्टेशन से जुड़े कई इलाकों में बिजली गुल हो गई, फिर लाइट शाम 5 बजे करीब आई। इस बीच दोपहर 3.30 बजे से शाम 5 बजे तक पूरा सबस्टेशन ठप रहा। मंडे को गोविन्द नगर, दालमंडी, बर्रा गांव, इस्पात नगर आदि में लोगों को पॉवर क्राइसिस से जूझना पड़ा।