RANCHI: राजधानी में कोई भी ऐसा इलाका नहीं है जहां हर दिन 2 से 4 घंटे तक बिजली नहीं कटती हो। कई इलाके तो ऐसे हैं जहां 8 घंटे तक लगातार बिजली कट रही है। लेकिन झारखंड बिजली वितरण निगम का अलग दावा है, निगम का दावा है कि राजधानी में मैक्सिमम साढे़ 23 घंटे और मिनिमम 23 घंटे बिजली की सप्लाई की जा रही है। कई इलाकों में सिर्फ एक घंटे तक बिजली कटने का दवा किया जा रहा है। लेकिन सच्चाई इसके उलट है बरियातू से लेकर मोरहाबादी, रातू रोड पूरे इलाके में तीन से चार घंटे तक लगातार बिजली कट रही है।

विभाग का क्या है दावा

9 जून को निगम ने बिजली उपलब्धता का डाटा जारी किया। इसके अनुसार, हरमू, किशोरगंज, हिंदपीढ़ी, विद्यानगर में 23 घंटे तक बिजली उपलब्ध है। यह दावा किया जा रहा है। मेन रोड, सुजाता चौक, चर्च रोड, पत्थलकुदवा, काली मंदिर इलाके में साढे 23 घंटे तक बिजली मिली। पुंदाग, अरगोड़ा, मेन रोड, कटहल मोड़, बूटी मोड़ में 23 घंटे तक बिजली उपलब्ध रही है।

क्या है वास्तविक स्थित

बिजली वितरण निगम के दावे के उलट सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। 9 जून को बरियातू के चेशायर होम इलाके में 6 घंटे तक बिजली कटी रही। इसी तरह कोकर में 2 घंटे तक बिजली कट गई। हिंदपीढ़ी इलाके में साढे तीन घंटे तक बिजली कटी रही। यही हाल रातू रोड इलाके का भी रहा, जहां 3 घंटे तक बिजली कटी रही। डोरंडा इलाके में 3 घंटे से अधिक बिजली कटी रही। जबकि बिजली विभाग दावा कर रहा है कि 24 घंटे में 23 घंटे बिजली दी जा रही है, तो सवाल उठ रहा है कि आखिरी बिजली कहां दी जा रही है।

हर दिन फुल लोड बिजली सप्लाई

बिजली वितरण निगम द्वारा हर दिन राजधानी के सभी ग्रिडों में फुल बिजली मिलने का दावा किया जाता है। लेकिन राजधानी के अधिकतर इलाकों में घंटों बिजली कटी रहती है। मालूम हो कि राजधानी को हर दिन करीब 300 मेगावाट बिजली की जरूरत है। उतनी ही बिजली मिलने का दावा बिजली वितरण निगम करता है। इसके बाद भी सभी इलाकों में लगातार बिजली कट रही है। इस झूठे दावे के लिए जिम्मेवार कौन हो सकता है। फुल लोड बिजली मिलना और साढ़े 23 घंटे तक बिजली मिलने का दावा कितना सही है।