केस वन

एक वीक पहले एक्सईएन संदीप कुमार ग्रीन पार्क में एक कंज्यूमर के यहां बकाया बिल लेने पहुंचे हुए थे। कंज्यूमर ने मोबाइल से फोन लगाकर एक्सईएन को थमा दिया। बात करने वाला व्यक्ति अपने को दिल्ली पुलिस में डीआईजी बता रहा था। एक्सईएन पर डीआईजी साहब ने जमकर रौब झाड़ा। डीआईजी के घर करीब 15,000 रुपए का बिजली बिल बकाया था।

केस टू

ऐसा ही मामला 21 सितम्बर को हुआ था। रात 11 बजे बिजली नहीं आने पर किला क्षेत्र के एक सख्स ने जेई आरसी श्रीवास्तव को फोन पर धमकी दी। फोन करने वाले सख्स ने खुद को शहर के एक प्रशासनिक अधिकारी का जानने वाला बताया। युवक ने गाली-गलौच के बाद हत्या करने की धमकी भी दी। जेई ने फोन करने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ किला थाने में तहरीर दी थी।

केस थ्री

मंडे को सिद्धार्थ नगर में चेकिंग के दौरान किला के जेई को भी धमकी मिली। धमकी देने वाला व्यक्ति खुद को मुख्मंत्री का रिलेटिव और विधान सभा सदस्य बता रहा था। जेई ने बताया कि जिस व्यक्ति ने धमकी दी थी उस पर 12,000 रुपए बिजली बिल बकाया था।

BAREILLY: ये तीन केस तो महज बानगी मात्र हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को कुछ ऐसी ही धमकियां मिल रही हैं। धमकी देने वाले बिजली बिल न जमा करने, कनेक्शन न काटने और उनके एरिया में बिजली कटौती न करने के लिए इस तरह की धमकी दे रहे हैं। विभाग के स्टॉफ को आए दिन इस तरह की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। कई मामलों में स्टॉफ को जान से मारने की भी धमकी मिल चुकी है, जिससे कुछ मामले थाने तक पहुंच चुके हैं।

मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक का सहारा

काम निकलवाने के लिए लोग मुख्यमंत्री,मंत्री, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और अपने एरिया के दबंगों के नाम का सहारा ले रहे हैं। फोन करने वाले सिर्फ शहर के मंत्री, विधायक ही नहीं, बल्कि आस-पास के जिलों के मंत्री और अधिकारी होना बताते हैं। सबसे अधिक धमकियां लाइनमैन, जेई और एक्सईएन को मिल रही हैं।

रनेम का दिखा रहे रौब

सबसे अजीब बात यह है कि, अपने को मंत्री, विधायक या किसी अधिकारी का रिलेटिव बताने वाले लोग सरनेम का रौब झाड़ते हैं। मसलन अगर कोई गंगवार है तो, किसी गंगवार मंत्री का नाम, इसी तरह यादव, सिंह, कश्यप जैसे-सरनेम का भी हवाला देकर बिजली विभाग के स्टॉफ को ब्लैकमेल किया जा रहा है। बरेली सहित अन्य डिस्ट्रिक्ट और स्टेट के कमिश्नर, एसएसपी, डीआईजी जैसे आला अधिकारियों का मैक्सिमम लोग रिलेटिव बताने का काम धड़ल्ले से कर रहे हैं।

पॉश एरिया के लोग सबसे आगे

इस काम में पॉश एरिया के लोग सबसे आगे हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिल्वर स्टे्ट, महानगर जैसे एरिया के मैक्सिमम लोग खुद को आयकर अधिकारी और डीआईजी का रिश्तेदार बताते हैं। वहीं घनी आबादी वाले क्षेत्र के लोग लोग विधायक, पार्षद और विधान परिषद सदस्य से जान-पहचान का हवाला देते हैं।

थाने तक पहुंच चुका है मामला

बार-बार मिल रही धमकी से परेशान विभाग के स्टॉफ ने संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। किला थाने में एक ऐसे ही मामले में जेई ने फोन पर धमकी देने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। थाने में मामला पहुंचने के बाद धमकी देने वाले वयक्ति ने जेई से समझौता कर लिया था।

फोन पर कई बार धमकी सुनने को मिलती है। लेकिन हम अपना काम करते रहते हैं। एक वीक पहले मुझे दिल्ली के एक पुलिस विभाग के आला अधिकारी ने धमकी दी थी।

संदीप कुमार, एक्सईएन

आए दिन इस तरह के लोगों से पाला पड़ता रहता है। जान से मारने की भी धमकी मिल चुकी है। धमकी देने वाले के खिलाफ मैंने थाने में तहरीर दी थी।

आरसी श्रीवास्तव, जेई

इस तरह की हरकत से परेशानी हो जाती है। बिजली बिल वसूलने के दौरान मेरे लाइनमैन को इस तरह का रौब कई बार सुनने को मिल चुका है।

अखिलेश कुमार, जेई