BAREILLY:

बिजली विभाग के स्टोर में रखे ट्रांसफॉर्मर, मीटर, केबल समेत अन्य इक्विपमेंट की अवेलबिलिटी पब्लिक एक क्लिक में जान सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने स्टोर रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने का निर्देश दिया था। बीते दो वर्षो से अफसर रिकॉर्ड को विभाग की वेबसाइट पर अपडेट नहीं कर रहे हैं। क्योंकि सिस्टम ऑनलाइन हुआ, तो उनकी लूट-खसोट पर लगाम लग जाएगी। पब्लिक की जेब काटने के लिए अफसर कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने से बच रहे हैं। यही वजह है कि पब्लिक ट्रांसफॉर्मर या फिर किसी सामान की डिमांड करते हैं, तो उन्हें अवेलबिलिटी न होने की बात कहकर लौटा दिया जाता है।

 

 

कर्मचारी बरत रहे हैं लापरवाही

शासन ने दिसम्बर 2014 में स्टोर के सारे रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे। रामा इंफोटेक सॉफ्टवेयर नाम की कंपनी ने डाटा ऑनलाइन करने का काम भी शुरू कर दिया था, लेकिन बाद में यह मामला सिफर रहा। ट्रांसफॉर्मर की संख्या, मीटर, पोल, वॉयर की क्या स्थिति है की जानकारी को अपडेट नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से उपभोक्ता भी ऑनलाइन यह चेक नहीं कर पा रहे हैं कि स्टोर में संबंधित सामान है भी या नहीं।

 

मुख्यालय ने भी जताई नाराजगी

इन सारे रिकॉर्ड की मानीटरिंग विभाग के ऑफिसर को करनी थी, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। मुख्यालय ने भी इस बात से नाराजगी जाहिर की है। पिछले दिनों मुख्यालय ने स्टोर में पड़े एक-एक चीज के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करते रहने को कहा था।

 

- दिसम्बर 2014 को सॉफ्टवेयर फीड करने की शुरू हुई थी कवायद।

- जुलाई 2015 से स्टोर के रिकॉर्ड को करना था ऑनलाइन।

- कर्मचारी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट की जानकारी नहीं कर रहे हैं अपडेट।

 

 

क्या होता फायदा

- स्टोर में सामान न होने का बहाना कर कर्मचारी काम नहीं टाल पाते।

- शिकायत का निस्तारण यथाशीघ्र हो पाता।

- समय पर शिकायत का निस्तारण होने से मिलती भरपूर बिजली।

 

नुकसान क्या हैं

- 48 घंटे की बजाय एक हफ्ते में भी खराब ट्रांसफॉर्मर को नहीं बदला जाता।

- कर्मचारी स्टोर में मीटर, ट्रांसफॉर्मर न होने की बात कर उपभोक्ताओं को करते हैं परेशान।

- काम के बदले रुपए की रखते हैं ि1डमांड।

 

एक नजर शहर पर

 

- 1.80 लाख बिजली उपभोक्ता

- 110-125 शिकायतें हर महीने चारों डिवीजनों से पहुंचती हैं।

- ट्रांसफॉर्मर, मीटर खराब, बिजली नहीं आने की शिकायतें सबसे अधिक होती हैं।

- 20 परसेंट केस का भी नहीं हो पाता निस्तारण।

 

 

सॉफ्टवेयर में कभी-कभी दिक्कत आ जाने के चलते डाटा ऑनलाइन नहीं हो पाता है। हमारा यह प्रयास होता है कि स्टोर में पड़े प्रत्येक सामान की कम्प्यूटर में फीडिंग की जाए।

एसके गुप्ता, एग्जिक्यूटिव इंजीनियर, स्टोर रुम बिजली विभाग