- पॉश कॉलोनी के लोग भी झेल रहे फाल्ट की दिक्कत

- बिजली निगम में शिकायत करने के बाद भी नहीं दूर हुई समस्या

GORAKHPUR: गर्मी का टेंम्प्रेचर जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है. वैसे-वैसे शहरवासियों को बिजली भी रूलाने लगी है. गर्मी बढ़ते ही पॉश कॉलोनियों में एक साथ कई एसी ऑन होने हो जाते हैं. जिससे बिजली का लोड भी बढ़ जाता है. यही कारण है कि सर्दी के मुकाबले गर्मी के दिनों में बिजली की खपत ज्यादा होती है. गर्मी के साथ ही अचानक बिजली का लोड बढ़ने से फाल्ट की समस्या भी आए दिन आती रहती है. जिसकी वजह से हो रही बिजली कटौती से पॉश कालोनी वासी परेशान हो रहे हैं. आम उपकरणों जैसे पंखा, कूलर आदि कि अपेक्षा एसी से सबसे ज्यादा बिजली की खपत होती है. जिसका असर विद्युत निगम की लाइनों पर भी पड़ रहा है. कभी फ्यूज उड़ रहा है तो कभी लाइनें जलकर गिर रही हैं. इसकी वजह से कर्मचारी भी फाल्ट ठीक करने में मशक्कत कर रहे हैं.

गर्मी में बढ़ जाती बिजली की खपत

शहरी एरिया में जहां फरवरी माह में 54 एमयू बिजली की खपत हुई थी. वहीं यह खपत अप्रैल और मई में 85 एमयू हो गई है. जानकारों के मुताबिक बिजली का लोड एसी के इस्तेमाल से बढ़ता है. विद्युत निगम के जानकारों के मुताबिक शहर में जरूरत से अधिक ट्रांसफार्मर लगा रखे हैं. इन ट्रांसफार्मरों की क्षमता के अनुपात में 60 से 70 प्रतिशत ही लोड रखा जाता है. बिजली फाल्ट होने की समस्या कंज्यूमर्स की गलतियों की वजह से होती है. किसी भी कंज्यूमर द्वारा लोड बढ़ने पर उसे निगम कार्यालय में भी दर्ज करवाना चाहिए. इससे लोड के अनुपात में थ्री फेज कनेक्शन देने के साथ ही ट्रांसफार्मर भी अधिक क्षमता का लगाया जा सकता है.

एसी एक घंटे मे ं3 यूनिट

रिटायर्ड जेई आरएन सिंह ने बताया कि गर्मी के राहत पाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले उपकरणों में एसी सबसे अधिक बिजली की खपत करता है. वहां इन उपकरणों द्वारा खपत की जाने वाली बिजली की जानकारी दी जा रही है.

उपकरण यूनिट की खपत

पंखा--80 वॉट 12 घंटे में एक यूनिट

-पंखा 60 वॉट 16 घंटे में एक यूनिट

-कूलर 220 वॉट 4.30 घंटे में एक यूनिट

-एसी डेढ़ किलोवॉट एक घंटे में डेढ़ यूनिट

-एसी 2.2 किलोवॉट एक घंटे में ढ़ाई यूनिट

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शहर में बिजली का खर्च

फरवरी में --54 एमयू

मार्च में--60 एमयू

अप्रैल--85 एमयू

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ऐसे बचाएं बिजली

बिजली निगम के एक्सपर्ट के मुताबिक एसी लगाना है तो वहां का सही नाप लेना चाहिए. एक अनुमान के मुताबिक सौ स्क्वॉयर फीट पर एक टन का एसी लगाया जाना चाहिए. अगर दिन के समय उपयोग कर रहे हैं तो खिड़कियों को बंद रखे या स्क्रीन गार्ड लगाए. इससे बाहर के तापतान का प्रभाव कम होगा. जिस कमरे में एसी का उपयोग किया जा रहा है वहां लाइट का उपयोग कम हो. लाइट से गर्मी होती है इससे बिजली की खपत भी ज्यादा होगी. एसी की सर्विस मेंटनेंस समय पर हो. रात के समय कमरे को ठंडा करने के बाद एसी बंद भी किया जा सकता है. अगर चलाना ही है तो तापमान 25 से 26 डिग्री पर रखें. जहां संभव हो बिजली की खपत कम करने वाले एसी का ही उपयोग करना चाहिए.

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इन इलाकों में यह समस्या

सिद्धार्थपुर

-बुद्ध बिहार

-बक्शीपुर

-अंधियारीबाग

-मानस बिहार

-राप्तीनगर

-आवास विकास कॉलोनी

-नार्मल

-ट्रांसपोर्ट नगर

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कोट

शहर के पॉश कॉलोनियों में एसी के लोड की वजह से फाल्ट की दिक्कत उत्पन्न हो जा रही है. जिसकी वजह से कटौती भी होती है और लो वोल्टेज की समस्या भी हो रही है. बिजली निगम के अफसरों से शिकायत के बाद भी सुधार नहीं होता है.

अरविंद तिवारी

महानगर के कई इलाके वर्तमान में लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. शाम होते ही पंखे, कूलर और एसी भी काम करना बंद कर देते हैं. कई बार लोड बढ़ाने के लिए निगम को अवगत करवाया गया लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला.

रमंजय गुप्ता

बढ़ते तापमान की वजह से एसी की डिमांड बढ़ी है. जिसके कारण लो वोल्टेज से शहर के लोग खासा परेशान है ऊपर से बिजली कटौती सबसे बड़ा परेशानी का सबब बन गई हैं.

रंग बिहारी पांडेय

शहर के पॉश कॉलोनियों में ज्यादातर एसी लगे हुए लेकिन बिजली कटौती की वजह से पंखे, कूलर और एसी काम नहीं कर रहे हैं. बिजली विभाग का दावा था कि क्षमता के अनुसार लोड बढ़ाए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

आनंद तिवारी

वर्जन

जिन एरियाज में फाल्ट की समस्या है उसे तत्काल दुरूस्त कराया जा रहा है. जहां तक लोड बढ़ाने का सवाल है वहां बिजली निगम के अफसर पहुंच कर जायजा ले रहे हैं और अतिरिक्त लोड भी बढ़ाया जा रहा है. जल्द ही समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा.

एके सिंह, अधीक्षण अभियंता शहर