पांच से छह मिलियन यूनिट ही मिल रहा उत्पादन

- 36 मिलियन यूनिट के पार पहुंची बिजली की डिमांड

DEHRADUN: ठंड में इजाफा और नदियों में जलप्रवाह कम होने का असर जल विद्युत उत्पादन पर पड़ा है। जल विद्युत निगम की परियोजनाओं से पांच से छह मिलियन यूनिट ही उत्पादन मिल पा रहा है। वहीं बिजली की मांग फ्म् मिलियन यूनिट के पार पहुंच गई है। उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) को रोजाना करीब तीन करोड़ रुपए की बिजली खरीदनी पड़ रही है।

हिमाचल दे रहा क्0 मेगावाट बिजली

70 मेगावाट क्षमता की जिस परियोजना से फ्भ् साल का करार किया, उससे भी महज नौ से क्0 मेगावाट ही बिजली मिल रही है। क्योंकि, परियोजना हिमाचल में है और यहां भी नदियों का जलप्रवाह कम है। केंद्रीय पूल से अभी भी क्ब् मिलियन यूनिट उत्पादन मिल रहा है। अगर पिछले साल की तरह यह आठ-नौ मिलियन यूनिट पर आ गया तो स्थिति और गड़बड़ा जाएगी।

आठ मिलियन यूनिट बिजली यूपीसीएल इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से खरीद रहा और दो से तीन मिलियन यूनिट बिजली ओवर ड्रॉल की जा रही। जिसकी कीमत करीब तीन करोड़ रुपए बैठती है। जबकि, चार दिन पहले तक बिजली की मांग फ्फ् मिलियन यूनिट थी और यूपीसीएल छह से सात मिलियन यूनिट बिजली बाजार से खरीद रहा था। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक एसएस यादव ने बताया कि राज्य को पर्याप्त बिजली देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। ग्रिड ओवर लोड होने के चलते नार्दर्न रीजन लोड डिस्पैच सेंटर से लोड कम करने के निर्देश कि चलते आधा या एक मिलियन यूनिट बिजली ही कम पड़ रही है।

शनिवार को बिजली की स्थिति

सूबे की मांग : फ्म्.7भ् एमयू

यूजेवीएनएल : छह एमयू

बैंकिंग : ब्.80 एमयू

केंद्रीय पूल : क्ब्.09 एमयू

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज : 7.ख्ब् एमयू

ओवर ड्रॉल : ख्.क्भ् एमयू