RANCHI: झारखंड में बिजली दर बढ़ाने का चौतरफा विरोध हो रहा है। डॉ एसपी मुखर्जी यूनिवर्सिटी के आर्यभट्ट सभागार में झारखंड राज्य नियामक आयोग की ओर से आयोजित अंतिम जनसुनवाई में जेबीवीएनएल चारों ओर से घिरता नजर आया। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि इस सुनवाई में जेबीवीएनएल पर कई सवाल उठे हैं। कई लोगों ने महत्वपूर्ण तथ्य पेश किए हैं। ऐसे में नियामक आयोग एक हफ्ते के अंदर इसकी समीक्षा करेगा, उसके बाद ही बिजली टैरिफ बढ़ाने का विचार किया जाएगा। जनसुनवाई में राज्य भर से आए कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और बिजली दर बढ़ाने का विरोध करते हुए आयोग के सामने अपने तर्क पेश किए।

व्यवसायियों के निशाने पर जेबीवीएनएल

झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव अजय पछेरीवाला ने जेबीवीएनएल के बिजली टैरिफ बढ़ाने के तौर-तरीकों पर सवाल खड़ा किया। कहा कि कंपनी बिना सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक किए टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव कैसे दे सकती है। उन्होंने जेबीवीएनएल पर वित्तीय अनियमितता और घोटाले का भी आरोप लगाया। इस जनसुनवाई में व्यवसाइयों ने कहा कि झारखंड में पिछले 17 सालों में कभी बिजली टैरिफ घटा नहीं और अब एक नया बिजली दर बढ़ा तो हमें अपनी फैक्ट्रियां बंद करनी पड़ेंगी।

जुस्को दो रुपए यूनिट दे रही बिजली

स्टेक होल्डरों ने कहा कि जमशेदपुर में जुस्को की घरेलू टैरिफ 2 रुपए 10 पैसे प्रति यूनिट है, ऐसे में जेबीवीएनएल 7 रुपए प्रति यूनिट कैसे ले सकता है। ऐसे में जेबीवीएनएल को खत्म कर देना चाहिए और हर जगह प्राइवेट कंपनियों को काम में लगा देना चाहिए। जब किसी विवाद को लेकर कोई उपभोक्ता कोर्ट में जाता है, तो जेबीवीएनएल जनता के पैसे से ही केस को सुप्रीम कोर्ट तक खींच कर ले जाता है। बिजली कनेक्शन देने के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाया।

क्या कहता है जेबीवीएनएल

जेबीवीएनएल के एमडी राहुल पुरवार ने कहा कि बढ़ी हुई बिजली दर से आम जनजीवन प्रभावित होने नहीं दिया जाएगा। कुछ लोगों को बिजली बिल में हमलोग सीधी राहत देंगे। उन्होंने कहा कि ऑडिट और सीएजी रिपोर्ट से जुड़ी जो जानकारी ऑफि सियल वेबसाइट पर नहीं है, उसे एक सप्ताह के अंदर अपडेट कर दिया जाएगा। कंपनी के सारे अकाउंट अपडेट हैं। इसमें कोई परेशानी नहीं है।

क्या कहता है नियामक आयोग

झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने निर्देश दिया कि इस सुनवाई के बाद जेबीवीएनएल पर कई सवाल खड़े हुए हैं। वो एक सप्ताह के अंदर उन्हें ठीक कर ले। साथ ही उन्होंने कहा कि जनसुनवाई में कई लोगों ने महत्वपूर्ण तथ्य पेश किये हैं। एस पर नियामक आयोग एक सप्ताह के बाद समीक्षा करेगी, उसके बाद ही यह तय होगा कि बिजली की टैरिफ बढ़ाने पर निर्णय लिया जायेगा।