-कुंभ मेला में संगम की रेती पर बसेगा नया शहर

-15 जनवरी से महाशिवरात्रि तक निर्बाध बिजली सप्लाई के लिए पावर कॉरपोरेशन ने बनाई पुख्ता योजना

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर होने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव कुंभ मेला में एक नया शहर बसेगा। कुंभ नगरी नाम से बसाए जाने वाले शहर में निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई देने के लिए पावर कारपोरेशन ने पुख्ता योजना बनाई है। इसके तहत मेले के पहले शाही स्नान पर्व पंद्रह जनवरी को मकर संक्रांति से लेकर अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि यानि चार मार्च तक बिना एक सेकंड का कट किए सप्लाई देने जा रहा है। इसके लिए अधीक्षण अभियंता अनिल वर्मा व उनकी टीम द्वारा अभी से ही लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही है।

महत्वपूर्ण तथ्य

3200 हेक्टेयर जमीन पर बसाया जा रहा है मेला, 22 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।

1200 किमी तक मेला एरिया में एलटी लाइन बिछा रहा है कॉरपोरेशन।

150 किमी एरिया में 11 केवी लाइन बिछाई जाएगी।

54 उपकेन्द्र स्थापित होंगे दो गुणा 400 केवीए के होंगे। यह मेला एरिया के 22 सेक्टरों में संचालित होंगे।

100 केवीए के 79 बिजली का सब स्टेशन बनेगा इमरजेंसी सेवाओं के लिए।

23 पाण्टून पुलों सहित एलटी व एचटी लाइन के सभी पोलों पर लगेंगी स्ट्रीट लाइट्स।

40700 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगेंगी जो 105, 165 व 245 वॉट की होंगी।

48 हजार पोल लगाए जाएंगे कुल मेला एरिया के अंदर।

40 हजार एलटी लाइन के पोल और आठ हजार एचटी लाइन के पोल लगेंगे।

02 लाख 80 हजार श्रद्धालुओं को बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा।

07 व चौदह वॉट का एलईडी बल्ब व बीस वॉट की ट्यूबलाइट उपलब्ध कराई जाएगी श्रद्धालुओं को।

30 मेगावॉट का अनुमान है मेला की अवधि में बिजली की डिमांड होने की।

0.24 मिलियन यानि प्रतिदिन 40 हजार यूनिट की खपत होगी।

12 करोड़ की बिजली बचाएगा सात व 14 वॉट का एलईडी बल्ब 49 दिनों में।

कुंभ मेला को दिव्य और राजस्व की बचत के हिसाब से बेहतरीन बनाने की योजना पर कार्य चल रहा है। इस बार पूरे मेला एरिया में एलईडी बल्ब लगेंगे। श्रद्धालुओं को कनेक्शन देकर उनके शिविरों में चौदह व सात वाट का बल्व लगाएंगे। इससे बिजली की डिमांड के अनुपात में बारह करोड़ रुपए बचेगा।

-अनिल वर्मा, अधीक्षण अभियंता कुंभ मेला