BAREILLY: योगी सरकार की 'बिजली चोरी पकड़वाओ, ईनाम पाओ' योजना से पड़ोसी डर गए हैं। लिहाजा, वह अपने आसपास हो रही बिजली चोरी की सूचना बिजली विभाग और विजिलेंस को नहीं दे रहे हैं। लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं इस बात की भनक उनके पड़ोसियों को लग गई तो उनका जीना मुहाल हो जाएगा। यही वजह है कि योजना के पांच महीने बाद भी आम पब्लिक के जरिए एक भी ऐसी सूचना नहीं मिली, जिसके आधार पर छापेमारी कर बिजली की चोरी पकड़ी जा सके।

 

वसूली का 10 फीसदी रुपए का ईनाम

चोरी की सूचना क्षेत्र से संबंधित एसडीओ कार्यालय में सीलबंद लिफाफे में भी बिजली चोरी करने वाले व्यक्ति के संबंध में पूरी सूचना उसके नाम, पते और फोन नंबर के साथ दे सकते है। इसके अलावा एसडीओ, एक्सईएन और एसई तक चोरी के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर सूचना दे सकते हैं। ईनाम के रुप में वसूली का क्0 फीसदी हिस्सा या फिर निश्चित धनराशि तय की गई हैं। साथ ही, बिजली चोरी की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम, पता और मोबाइल नंबर गुप्त रखा जाता है। फिर भी लोग बिजली चोरी की सूचना नहीं दे रहे हैं।

 

बिना सूचना कैसे पकड़े बिजली चोर

निर्बाध बिजली नहीं मिलने का सबसे बड़ा कारण बिजली की चोरी हैं। यही कारण है कि लीगल कंज्यूमर्स को सही से बिजली नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए सरकार को अन्य राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ रही है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने इस नई योजना को शुरू किया था। ताकि, ईनाम पाने के लिए पब्लिक अपने आसपास हो रही बिजली की चोरी की जानकारी दे। सूचना के आधार पर बिजली विभाग और विजिलेंस की टीम छापेमारी कर रंगे हाथ बिजली की चोरी कर रहे लोगों को पकड़ से।

 

धड़ल्ले से हो रही बिजली की चोरी

जबकि, शहर सहित पूरे प्रदेश में बिजली की चोरी धड़ल्ले से हो रही है। प्रदेश में ऐसे 518 फीडर ऐसे आईडेंटीफाई किए गए हैं, जहां पर 30 फीसदी से अधिक बिजली की चोरी हो रही हैं। बरेली जोन में ऐसे फीडर की संख्या 24 हैं। वहीं लखनऊ जोन में 38, फैजाबाद जोन में 11, गोंडा जोन में 8, आगरा जोन में 13, अलीगढ़ जोन में 15, कानपुर जोन में 10, झांसी जोन में 11, इलाहाबाद जोन में 42, गोरखपुर जोन में 13, बस्ती जोन में 4, वाराणसी जोन में 28, मीरजापुर में 6, आजमगढ़ जोन में 4, मेरठ जोन में 24, सहारनपुर जोन में 23, मुरादाबाद जोन में 35, गाजियाबाद जोन में 48, नोएडा जोन में 27, कानपुर शहर में 46 फीडर ऐसे हैं जहां पर 30 फीसदी से अधिक लाइन लॉस हैं।

 

क्यों नहीं दे रहे सूचना

- पड़ोसी से मनमुटाव न हो जाए।

- झगड़ा होने का डर।

- पड़ोसी से फ्रेंडली रिश्ता होना।

- भेद खुलने पर पड़ोसी मुसीबत के वक्त आगे नहीं आएगा।

 

बिजली की चोरी से नुकसान

- लोड बढ़ाने से फीडर के ठप होने का खतरा।

- बिजली इक्विपमेंट के फूंकने, जलने का डर।

- बिजली सप्लाई बार-बार ट्रिप हो जाना।

- लो वोल्टेज की समस्या उत्पन्न होना।

 

एक नजर

- 1,80,000 शहरी कंज्यूमर्स।

- 150 मेगावॉट बिजली की सप्लाई रोजाना।

- 21 फीसदी लाइन लॉस।

- बरेली जोन के 24 फीडर पर 30 फीसदी से अधिक लाइन लॉस।

 

 

ईनाम के बाद भी पब्लिक बिजली चोरी की सूचना देने से बच रही है। उन्हें चाहिए कि आगे आएं। सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जा रहा है। बिजली की चोरी रोकना हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं। पकड़े जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अंशुल अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग

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