- वेडनसडे को वन प्रमुख जयराज ने ली वन विभाग के अधिकारियों की बैठक

- कहा, रेलवे ट्रैक पर हाथियों की मौत कहीं न कहीं वन विभाग की भी चूक

DEHRADUN: ट्रेन से कटकर मादा हाथी की मौत के मामले में वन प्रमुख जयराज ने सख्त रुख अपनाया है। वेडनसडे को अपने कार्यालय में संबंधित अधिकारियों की एक बैठक में उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि तमाम प्रयासों के बाद भी इस तरह की घटनाओं को न रोक पाना वन विभाग की भी एक बड़ी चूक है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयास किये जाने चाहिए।

वन प्रमुख ने जताई नाराजगी

वन प्रमुख ने इस बैठक में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डीवीएस खाती और राजाजी टाइगर रिजर्व के सनातन को खासतौर पर बुलाया था। बैठक में उन्होंने इस घटना पर नाराजगी जताई। सूत्रों के अनुसार जयराज ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस घटना के लिए ट्रेन ड्राइवर को दोषी ठहराकर हम अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो जाते।

गश्त बढ़ाने के आदेश

वन प्रमुख ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ट्रैक पर गश्त बढ़ाने के आदेश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि हाथी की मौत की घटना में वन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और यदि लापरवाही की गई है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

कल हुई थी हाथी की मौत

हरिद्वार रेंज के मोतीचूर के निकट ट्यूजडे रात काठगोदाम एक्सप्रेस से कटकर एक मादा हाथी की मौत हो गई थी। राजाजी प्रशासन का कहना था वन विभाग के कर्मचारियों ने ट्रेन ड्राइवर को गाड़ी रोकने के संकेत दिये थे, लेकिन ड्राइवर ने इस पर ध्यान नहीं दिया। राजाजी प्रशासन की ओर से ट्रेन ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।

डब्ल्यूटीआई मामले पर भी चर्चा

सूत्रों के अनुसार इस बैठक में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं के साथ हुई मारपीट के मामले पर भी चर्चा हुई। आरोप है कि पिछले कई सालों से वन्यजीवों को बचाने के लिए वन विभाग के साथ गश्त करने वाले इस ट्रस्ट के एक कार्यकर्ता के साथ वन विभाग के कर्मचारियों ने मारपीट की और उन्हें भगा दिया था। ट्रस्ट के फील्ड ऑफिसर दिनेश पांडे ने इस मामले में वन प्रमुख को पत्र लिखा है।