कहां गए पेशेंट्स?

एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में हर दिन 150 से ज्यादा सीरियस पेशेंट पहुंचते हैं। 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद पेशेंट्स को वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। मगर पिछले कुछ सालों से वार्ड में शिफ्टिंग के दौरान मरीज गायब हो रहे हैं। एम्बूलेंस सर्विस चलाने वाली संस्था हैल्प आगरा को दिए गए डाटा के मुताबिक 800 में से केवल 500 मरीज ही इमरजेंसी से वार्ड तक पहुंच रहे हैं। बीच-बीच में गायब होने वाले पेशेंट्स को इमरजेंसी में एक्टिव दलाल कमीशन के चलते प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट कर रहे हैं।

लगाया आरोप

कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन मरीज गायब करने का आरोप हैल्प आगरा संस्था के ऊपर लगा रहा है। इमरजेंसी में 102 सेवा संस्था ने तीन नवम्बर 2008 को शुरू की थी। कॉलेज संस्था से जुड़े कुछ लोगों का हाथ मरीज गायब होने में बता रहा है। इसके चलते कॉलेज ने डिसीजन लिया है कि 102 सर्विस को संस्था से वापस लेकर कॉलेज ही चलाए। इसको लेकर कुछ दिन पहले दोनों पक्षों के बीच हंगामा भी हो चुका है और सात मार्च को मीटिंग करने का डिसीजन लिया गया है। जबकि संस्था सालों से दवाईयों के साथ-साथ टेस्ट किट और सर्जिकल इक्विपमेंट्स भी कॉलेज को प्रोवाइड करवा रही है।

दिया था आर्डर

जनवरी 2011 में तत्कालीन डीएम अमृत अभिजात ने प्रिंसीपल डॉ। केके गुप्ता को लेटर लिखकर आर्डर दिया था कि इमरजेंसी परिसर में प्राइवेट सिर्फ दो एम्बूलेंस ही खड़ी की जाएं। सके साथ ही लेटर में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि वहां पर कोई भी प्राइवेट एम्बूलेंस न खड़ी की जाएं। सोर्सेज के मुताबिक एम्बूलेंस की आड़ में इमरजेंसी से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में एडमिट कर दिया जाता है। इसके पीछे पूरा खेल दलाली का खेल चल रहा है।

मांगा है स्पष्टीकरण

घटती मरीजों की संख्या पर प्रिंसीपल डॉ। आरके सिंह से शासन ने स्पष्टीकरण मांगा है। ओपीडी में आने वाले पेशेंट्स की संख्या भी पहले के कम्पेरिजन में कम हो गई है। 1012 बैड के इस हॉस्पिटल में तकरीबन 650 बैड पर पेशेंट्स एडमिट रहते हैं। हर दिन लगातार कम होती मरीजों की संख्या पर शासन की नजर है। जांच करके कॉलेज को रिपोर्ट सौंपनी होगी।

संस्था को बताया गया है कि वार्ड में शिफ्टिंग के  दौरान पेशेंट गायब हो रहे हैं। इसी को लेकर संस्था से 102 सर्विस वापस लेने की बात कही जा रही है। संस्था चाहती है कि सात मार्च को होने वाली मीटिंग में कमिश्नर भी मौजूद रहें।

- ओम प्रकाश अग्रवाल, प्रेसीडेंट, हैल्प आगरा

सर्विस को वापस लेने के लिए संस्था के साथ मीटिंग बुलाई गई है। मरीज गायब होने के चलते कॉलेज ऐसा डिसीजन ले रहा है।

- डॉ। आरके सिंह, प्रिंसीपल, मेडिकल कॉलेज

Report by- Aparna Sharma Acharya