आरटीओ में फ‌र्स्ट एड बॉक्स और फायर सिलेंडर के नाम पर वसूली

फिटनेस के लिए आने वाले लोगों को बताए जाते हैं नए-नए नियम

Meerut। आरटीओ कार्यालय में वाहनों की फिटनेस के नाम पर अवैध वसूली के नए खेल सामने आ रहे हैं। फिटनेस के लिए विभाग में आने वाले आवेदकों से नए-नए नियम बताकर जबरन मोटी फीस वसूली जा रही है। फिलहाल वाहनों में इमरजेंसी किट के नाम पर खुली लूट हो रही है।

फिटनेस का पैमाना

नियमानुसार सीएनजी या एलपीजी और कामर्शियल वाहनों की फिटनेस के लिए वाहन की हालत के साथ वाहनों में इमरजेंसी किट जैसे फायर सिलेंडर और फ‌र्स्ट एड किट होनी जरुरी है। इसलिए नए वाहनों की बिक्री के दौरान इमरजेंसी किट लगाकर दी जाती है। जिन वाहनों में यह किट ना हो उसे फिट नही माना जाता।

किट बिना फिटनेस अधूरी

इस नियम का फायदा उठाते हुए फिटनेस के लिए आने वाले वाहनों में इमरजेंसी किट की ही दुकान आरटीओ परिसर में खुल गई है। जिन वाहनों में किट लगी है लेकिन अधूरी है जैसे दवा नही है या सिलेंडर खाली है उनको तुरंत अनफिट कर नई किट लगाई जा रही है। यदि किसी में किट है ही नही तो उसे अनफिट ही माना जाता है।

मनमाने दाम

वाहन चालकों की इस कमी को पूरा करने के लिए मनमाने दाम पर इमरजेंसी किट बेची जा रही है। किट का दाम 400 से 500 रुपए तक वसूला जा रहा है और खास बात है कि एक ही एजेंसी को आर्थराइज बताकर वाहन मालिकों को उसे से किट खरीदने के लिए बाध्य कर दिया जाता है। इस किट में मात्र 50 से 60 रुपए की बैंडेज व दवा और एक सिलेंडर शामिल है।

सरेआम फर्जीवाड़ा

इस इमरजेंसी किट के लिए विभाग द्वारा एक एजेंसी की किट को अधिकृत किया गया है। लेकिन इस एजेंसी के नाम पर भी फर्जीवाड़ा चल रहा है। विभाग द्वारा अधिकृत कंपनी के नाम पर कई एजेंसी अपनी किट बेच रही हैं जो दिल्ली एनसीटी से अपने को आर्थराइज बताती हैं।

इमरजेंसी किट की बाध्यता है लेकिन विभाग से ही लगवाने की कोई बाध्यता नहीं है। आवेदक बाहर से भी किट ले सकता है, लेकिन वह भी आईएसआई मार्क होनी चाहिए।

चंपा लाल, आरआई टेक्नीकल

80 गाडि़यों की एक दिन में होती है फिटनेस

रु 500 की होती है इमरजेंसी किट और सिलेंडर के नाम पर वसूली

रु 40,000 की एक दिन में बिकती है इमरजेंसी किट

रु 9,60,000 की एक माह में बिक जाती हैं इमरजेंसी किट

रु 1,15,20,000 की एक साल में होती है बिक्री